-राजेन्द्र नगर के पार्क में बना दिया मंदिर

-राजेन्द्र नगर कई चार पार्कों में बना हुआ है मंदिर और कई बदाहल

BAREILLY :

बच्चों की खुशियों पर भारी आस्था कहा जाए तो खराब नहीं होगा, क्योंकि, शहर में बच्चों के खेलने के लिए बनाए गए पार्को में लोगों ने मंदिर निर्माण कर दिया। राजेन्द्र नगर के छोटे-छोटे पार्को में मंदिर निर्माण हो जाने से वहां पर अब खेलने के लिए जगह ही नहीं बची। इससे कॉलोनियों में पार्क का औचित्य ही खत्म हो गया। शहर के राजेन्द्र नगर एरिया की ही बात करें तो वहां पर चार से अधिक छोटे पार्क ऐसे हैं जिनमें मंदिर बना हुआ है। इससे बच्चे घर पर टीवी और मोबाइल के सहारे अपना वक्त काटते हैं। इसके साथ कई पार्क तो देखरेख न होने के चलते बदहाल हो चुके हैं या फिर उसमें मलवा आदि डाल रखा है। इससे पार्को में बच्चों के खेलने के लिए जगह ही नहीं मिल पाती है। शहर के बदहाल पार्को की हकीकत उजागर करने के लिए शुरू किए कैंपेन के तहत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने फ्राइडे को राजेन्द्र नगर के दो पार्को की हकीकत जानी तो पार्क में बच्चे तो नहीं दिखे, लेकिन आस्था का केन्द्र मंदिर बने हुए मिले।

राजेंद्र नगर सी ब्लॉक

-पार्क में नगर निगम का कोई कर्मचारी सफाई करने तक नहीं जाता है

-पार्क में झाड़ी होने पर स्थानीय लोगो ने सफाई तो कर दी, लेकिन कोई झूला नहीं है

-पार्क में एक तरफ मंदिर बना हुआ है इससे खेलने के लिए जगह नहीं बची है

-बच्चे खेलने भी आते है तो गेंद मंदिर में पहुंच जाती है इसको लेकर पार्क में बच्चों के खेलने पर रोका जाता है

-पार्क में रात को रोशनी की व्यवस्था नहीं

-हैंडपम्प खराब है इसीलिए वहां पर पानी तक की व्यवस्था नहीं

राजेंद्र नगर बी ब्लॉक

- पार्क के बीच में ही मंदिर बना दिया गया। इससे बच्चों के लिए जगह सिर्फ घूमने के लिए ही बची।

- पार्क में आसपास के लोग फैला देते हैं गंदगी सफाई करने के लिए भी नहीं आता कोई कर्मचारी

-पार्क में ग्रीनरी लापता, घास भी ठीक नहीं इसीलिए टहलने वालों को भी होती प्रॉब्लम

-पार्क में वॉकिंग ट्रैक लापता

-रात को पार्क में रोशनी की व्यवस्था भी ठीकहीं है।

===================

-पहले पार्क ठीक था, तो हम सभी यहां पर खेलते थे, लेकिन पार्क में मंदिर होने से वहां पर अब खेलने की जगह कम बची है। पार्क में कोई माली नहीं है इसीलिए वहां पर ग्रीनरी भी नहीं बची है।

सुमित

-----------

पार्क लगी लाइट तो ठीक है नहीं और पोल भी जर्जर हो गया है। इसे ठीक नहीं कराया गया तो पोल गिरने से हादसे का भी डर बना हुआ है। पार्क में गंदगी के चलते कोई बच्चा खेलने के लिए नहीं आता है।

सौरभ

------------

नगर निगम और बीडीए के पार्क तो कॉलोनियों में हैं लेकिन बदहाल हैं। पार्को में ग्रीनरी और वॉकिंग ट्रैक होती है तो आना अच्छा भी लगता है, लेकिन यहां तो कुछ भी नहीं है। यहां तक कि बच्चों के लिए झूले भी नहीं है तो क्यों पार्क में कोई अाएगा।

मयूर

-------------

पार्को की बदहाली के लिए नगर निगम और बीडीए ही जिम्मेदार है। पार्क ठीक हों तो वहां बच्चे खेल सकते हैं, लेकिन जब पार्क ठीक नहीं हैं तो बच्चे घर में रखा मोबाइल देखते ही पकड़ लेते हैं। इससे बच्चों को और उनके पेरेंट्स को प्रॉब्लम होती है।

करन

================

-शहर के पार्को की हालत सुधारने के लिए जल्द कवायद शुरू कर दी जाएगी। पार्को में झूला, ग्रीनरी और लाइट भी लगवाई जाएगी।

राजेश श्रीवास्तव, नगर आयुक्त, बरेली