- हैक कर किसी बड़े अकाउंट को बनाना था निशाना

- बैंक डकैती के लिए की थी ईको की लूट

- पत्थर घिसने की मशीन भी बनी हत्या का कारण

- एसपी सिटी ने प्रेसवार्ता कर किया खुलासा

आगरा। किसी बड़ी कंपनी का अकाउंट हैक होने वाला था कि पुलिस के हाथ गैंग लग गया। गैंग पकड़ में आने से दो हत्या की वारदातों का खुलासा हुआ साथ ही होने वाली बैंक डकैती को भी रोक लिया। एसपी सिटी प्रशांत वर्मा ने प्रेस वार्ता कर मामले का खुलासा किया है। हत्यारों ने एत्मादउद्दौला से चालक की हत्या कर ईको कार लूट ली। इसके बाद जगदीशपुरा में चालक की हत्या का लोडिंग टेम्पो लूटा था।

इन हत्यारों को पुलिस ने पकड़ा

एसपी सिटी प्रशांत वर्मा ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर बताया कि पुलिस ने मामले में आकाश शर्मा पुत्र सर्वेश कुमार निवासी किशोरपुरा, जगदीशपुरा, ज्ञानेंद्र इंदोलिया पुत्र रामेश्वर इंदोलिया निवासी कागारोल रोड किरावली, परवेश पुत्र बहादुर सिंह निवासी सांवरा, फतेहपुर सीकरी, गोविंद राठौर पुत्र नरेंद्र राठौर निवासी आवास विकास कॉलोनी, जगदीशपुरा को पकड़ा है।

शहर का बड़ा अकाउंट था निशाने पर

पुलिस के अनुसार पकड़े गए हत्यारों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है। लिहाजा ये नौसिखिए हत्यारे हैं। पड़ताल में निकल कर आया कि इनका मकसद रुपया जमा कर एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करवाना जो किसी भी अकाउंट को हैक कर सके। इनके निशाने पर कोई बड़ा अकाउंट था।

तालिबानी तरीके से की दो हत्यायें

हत्यारोपियों ने पहले 17 दिसम्बर 2018 को ज्ञानेंद्र, परवेश, गोविंद ने मरीज ले जाने का बहाना कर अनिल पुत्र रघुवीर निवासी प्रकाश नगर एत्मादउद्दौला की ईको कार बुक की। ईको ज्ञानेंद्र के किरावली स्थित पत्थर के कारखाने ले आए और चालक के हाथ-पैर टेप से बांध दिए और कार में रखी आरी से गला काट कर हत्या कर दी। लाश लैदर पार्क में फेंक दी।

टेम्पो चालक को इसी तरह मारा

ज्ञानेंद्र के पत्थर कारखाने में घिसाई के लिए लगी मशीन डीजल की ज्यादा खपत करती थी। इसके लिए उन्हें पुराने लोडिंग टेम्पो का इंजन चाहिए थे। शातिरों ने इसी तरह अमरपुरा जगदीशपुरा निवासी महेश चंद पुत्र नवल सिंह का ऑटो 20 जनवरी 2019 को गेंहू को किरावली ले जाने के लिए टेम्पो भाड़े पर बुक किया। कारखाने पर लाकर ज्ञानेंद्र, परवेश, आकाश ने अंगोछे से फंदा बना कर चालक की हत्या कर दी।

बैंक की डकैती बची

पुलिस ने बताया कि ईको लूटने के पीछे हत्यारों की मंश बैंक डकैती थी। इनकी प्लानिंग थी कि लूट की ईको से बैंक में डकैती करेंगे तो पकड़े नहीं जायेंगे लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही पकड़ लिया। पुलिस ने हत्यारों से एक लोडर ऑटो व ईको कार बरामद की है।

रुपयों के लालच ने पहुंचाया जेल

हत्यारोपी गोविंद बीए द्वितीय वर्ष का छात्र है। परवेश कुमार ने 11वीं तक पढ़ाई की है। आकाश ने इंटर पास किया है। इसके अलावा एक ऐसा युवक भी है जो सॉफ्टवेयर तैयार करता है। वह आईटी फील्ड से जुड़ा हुआ है। गोविंद भी आईटी फील्ड का कुछ काम करता है। उसी से इन लोगों को हैकिंग सॉफ्टवेयर तैयार करवाना था। पुलिस ने मामले में चारों को जेल भेज दिया है।