-बाजार में 10 रुपये का सिक्का नकली होने की अफवाह

-दुकानदार नहीं कर रहे स्वीकार, ग्राहक हो रहे परेशान

-आरबीआई ने जारी नहीं किया है इस संबंध में कोई निर्देश

-बैंकों ने की अपील, अफवाहों से सावधान रहें लोग

Meerut। पैसा बोलता है। ज्ञान कहीं से भी प्राप्त किया जा सकता है। ये दो बातें बाजार में आसानी के साथ समझी जा सकती हैं। बस आपकी जेब में दस रुपए का सिक्का होना चाहिए। पैसा बोल रहा है, लेकिन अपने असर के चलते नहीं, आशंकाओं के चलते बोल रहा है। आरबीआई ने भले कोई निर्देश न जारी किया हो, लेकिन बाजार में 10 रुपए का सिक्का बंद होने के कगार पर है। दुकानदार हों या ग्राहक, सभी इस समस्या से निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अधिकृत रूप से कोई समाधान उपलब्ध नहीं है। अलबत्ता सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान चल रहा है कि लोग किसी भी तरह का भ्रम न फैलाएं और समाधान के लिए नजदीकी बैंक के शाखा प्रबंधक से संपर्क करें।

क्या है हकीकत

बाजार में 10 रुपये के सिक्के की हकीकत को समझने के लिए संवाददाता कई दुकानों पर गया। एक दुकान पर 10 रुपये का सामान खरीदकर 50 रुपये का नोट दिया तो दुकानदार ने 10 रुपये के चार सिक्के वापस कर दिए। ये पूछने पर कि क्या वो इसे वापस स्वीकार करेगा, उसने हां में सिर हिलाया। संवाददाता ने जब अपनी जेब से 10 रुपये का सिक्का निकालकर दुकानदार को दिया और 50 रुपये का नोट वापस करने का आग्रह किया तो दुकानदार ने उसे नकली करार देते हुए स्वीकार करने से मना कर दिया।

अफवाह फैलने से समस्या

दरअसल बाजार में पिछले 20 दिनों से यह अफवाह फैल रही है कि 10 रुपये के सिक्के बंद होने वाले हैं या 10 रुपये का सिक्का नकली चल रहा है। जिस सिक्के में पर रुपये का निशान नहीं है अथवा उस पर 15 लाइनें बनी हैं, उसे नकली बताया जा रहा है। इसका उनके पास कोई जवाब नहीं है कि ये ज्ञान उन्हें कहां से प्राप्त हुआ। सब एक-दूसरे के कहे पर यकीन कर रहे हैं।

सब एक जैसे नहीं

इस दौरान 10 का सिक्का स्वीकार करने वाले दुकानदार लोगों को संकटमोचक नजर आ रहे हैं। माधवपुरम में केडिया किराना स्टोर के मालिक अजय केडिया बताते हैं कि वो 10 रुपये का सिक्का स्वीकार कर रहे हैं। वो इसे ग्राहकों को इस भरोसे के साथ देते हैं कि अगर कहीं न चले तो वापस दे जाना। वहीं कुछ दुकानदार ये कहते हुए 10 रुपये का सिक्का नहीं ले रहे हैं कि इसे चलाने में उन्हें मुश्किल आ रही है। सरस्वती लोक स्थित गोयल किराना स्टोर के मालिक प्रदीप गोयल बताते हैं कि उनके पास 8 हजार रुपए के सिक्के रखे हैं, लेकिन कोई लेने को तैयार नहीं है।

अपने यहां भेड़ चाल बहुत है। सब एक-दूसरे के कहने पर यकीन करते हैं। कोई भी हकीकत जानने की कोशिश नहीं करता। यही कारण है कि बाजार में 10 रुपये के सिक्के को लेकर अफवाह फैल रही है।

-कमलेश कुमार वर्मा

शाखा प्रबंधक, एसबीआई खैरनगर

बैंक की तरफ से किसी भी तरह का सिक्का बंद नहीं किया गया है और आरबीआई ने भी इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किया है। लोगों को अफवाहों से सावधान रहना चाहिए।

-अविनाश

मैनेजर, लीड बैंक

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अफवाह के चलते बाजार में खलबली वाले हालात हैं और कारोबार प्रभावित हो रहा है। प्रशासन को तत्काल एक्शन लेते हुए स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

-उत्तम कुमार पाल

व्यापारी, कंकरखेड़ा

बाजार में 10 रुपये के सिक्के को लेकर अफवाह जरूर है। लोग इसके लेन-देन से बचना चाह रहे हैं। मैंने एसबीआई को लिखकर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है।

-रजनीश कौशल

अध्यक्ष, कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

मैं 10 रुपये का सिक्का स्वीकार कर रहा हूं और ग्राहकों से भी निवेदन करता हूं कि वह इसे सहज भाव से स्वीकार करें। लोगों को अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

-अजय केडिया

केडिया किराना स्टोर, माधवपुरम

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अधिकतर दुकानदार 10 रुपये के सिक्के स्वीकार नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग मौके का फायदा उठाकर 100 रुपये के सिक्के 80 रुपये में खरीद रहे हैं। प्रशासन को इस मामले में सख्त कार्रवाई करना चाहिए।

-सीमा श्रीवास्तव, शास्त्रीनगर

बाजार में कई दुकानदार 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार कर रहे हैं, जिससे खरीदारों को मुश्किल हो रही है। हालात दिन पर दिन गंभीर होते जा रहे हैं। सरकार को एक्शन लेना चाहिए।

-डॉ। दीपाली मोगा, शास्त्रीनगर

बाजार में 10 रुपये के सिक्के को लेकर असली-नकली का भ्रम बना हुआ है। इसमें सोशल मीडिया का भी रोल है। धीरे-धीरे स्थिति स्पष्ट हो रही है। उम्मीद है कि जल्द हालात सामान्य होंगे।

-प्राची मिश्रा, जागृति विहार

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बाजार में कोई भी भारतीय मुद्रा को लेने से इनकार नहीं कर सकता है। यदि ऐसा है तो संबंधित पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। पुलिस यदि शिकायत लेने से मना करे तो अदालत में शरण जानी चाहिए।

-राम कुमार शर्मा

पूर्व महामंत्री, जिला बार एसोसिएशन