आई कनसर्न
- घटना को अंजाम देकर मकान खाली करके हो जाते हैं फरार
- पुलिस के पास 20 हजार आवेदन पड़े हुए है पेंडिंग में
मनोज बेदी
मेरठ : बिना पुलिस वेरिफिकेशन के शहर में लाखों की संख्या में किराएदार निवास कर रहे है। पुलिस थानों में इन किरायदारों का रिकार्ड नहीं है, जबकि पुलिस के पास किराएदार वेरिफिकेशन के लिए हजारों की तादाद में आवेदन पत्र पेंडिंग पड़े हुए है। पुलिस चाहकर भी इनका वेरिफिकेशन करने में फेल साबित हो रही है।
क्या है मामला
ज्यादातर देखने में आया है कि शहर में क्राइम करने वाले दूसरे जिलों से आकर शहर में किराए का मकान लेकर रहते हैं। क्राइम की घटना करते ही मकान खाली करके वहां से फरार हो जाते है। पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाती, जिससे घटना का खुलासा नहीं होता है।
नहीं बनाया रजिस्टर
डीजीपी ने निर्देश दिए हैं कि सभी थानाप्रभारी अपने क्षेत्र में रहने वाले किरायेदारों का वेरिफिकेशन करेंगे। किरायदारों का डाटा अपने रजिस्टर में नोट करेंगे, लेकिन जिले के किसी भी थाने में किराएदारों का रजिस्टर नहीं बना हुआ है। अभी तक पुलिस के पास यह रिकार्ड नहीं है कि जिले में कितने किराएदार है।
मालिक कराए वेरिफिकेशन
नियम है कि मकान मालिक को किरायदार रखने से पहले उनका पुलिस से वेरिफिकेशन कराना चाहिए, लेकिन पुलिस के पास वेरिफिकेशन के बीस हजार की तादाद में आवेदन रद्दी की टोकरी में पड़े हुए हैं, लेकिन उनका समाधान नहीं हो सका है।
सभी थाना प्रभारियों को आदेश कर दिए गए है कि वह अपने क्षेत्र में सभी किरायदारों का वेरिफिकेशन कर उनका रिकार्ड रजिस्टर में नोट करें।
-मंजिल सैनी
एसएसपी मेरठ
गत छह महीने में अपराध करने वाले 40 लोग किराए के मकान में रहकर घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। घटना करते ही अपना मकान खाली कर देते थे, जिससे उन्हें पकड़ना आसान काम नहीं होता था।
-मान सिंह चौहान, एसपी सिटी
फैक्ट्स
10 लाख लोग हैं मेरठ में किरायदार
25 लाख के पास हैं अपने मकान
40 किरायेदार मिले घटना में शामिल
20 हजार वेरिफिकेशन आवेदन लंबित