साहिबाबाद से ईपीआई क्रॉसिंग तक एलीवेटेड ट्रैक के लिए टेंडर जारी

दो चरण में होगा एलीवेटेड ट्रैक का निर्माण, 14 नवंबर तक जमा करना होगा टेंडर

Meerut। केंद्र सरकार का रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रोजेक्ट सरपट दौड़ रहा है। मेरठ-दिल्ली आरआरटीएस कॉरीडोर के निर्माण को लेकर अटकलें दूर हुई हैं तो वहीं निर्माणी संस्था नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने मंगलवार को गांधी जयंती के अवसर पर साहिबाबाद से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे क्रॉसिंग तक एलीवेटेड ट्रैक के टेंडर दो चरणों में जारी कर दिए गए हैं। 14 नवंबर टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि है।

दो टेंडर हुए जारी

मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की झरी झंडी मिलने के बाद मंगलवार को एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरीडोर के लिए दो टेंडर जारी किए हैं। एलीवेटेड टैक के दोनों टेंडर को जमा करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर है तो वहीं एलीवेटेड ट्रैक के निर्माण का लेकर विभिन्न शर्तो को टेंडर में शामिल किया गया है। सिविल वर्क के इस कार्य के टेंडर एनसीआरटीसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन भी रिलीज किए गए हैं। दिल्ली से गाजियाबाद तक एलीवेटेड ट्रैक के निर्माण के लिए दो हिस्सों में टेंडर जारी किए गए हैं।

साहिबाबाद से गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन

पैकेज फ‌र्स्ट के तहत साहिबाबाद से गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन के अंत तक एलीवेटेड ट्रैक के निर्माण के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। करीब 5.7 किमी दूरी तक के इस ट्रैक के निर्माण की प्रारंभिक धनराशि 4.60 करोड़ रुपये है।

गाजियाबाद से ईपीआई क्रॉसिंग ऑफ दिल्ली

एंड ऑफ गाजियाबाद रेलवे स्टेशन ने ईस्टर्न पेरीफेरेल एक्सप्रेस-वे क्रॉसिंग ऑफ दिल्ली तक एलीवेटेड ट्रैक के निर्माण के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। इस टैक के निर्माण की प्रारंभिक धनराशि 5.10 करोड़ रुपये है।

महत्वपूर्ण तिथियां-

2 अक्टूबर, पूर्वाह्न 11 बजे-टेंडर ई-पब्लिश

2 अक्टूबर, पूर्वाह्न 11 बजे-टेंडर डाउनलोड स्टार्ट

7 नवंबर, पूर्वाह्न 11 बजे-बिड् सममिशन स्टार्ट

15 नवंबर, पूर्वाह्न 11 बजे-बिड् ओपनिंग डेट

14 नवंबर, पूर्वाह्न 11 बजे-डॉक्यूमेंट डाउनलोड अंतिम सीमा

14 नवंबर, पूर्वाह्न 11 बजे-बिड् सबमिशन की अंतिम सीमा

साहिबाबाद से गाजियाबाद और गाजियाबाद से ईपीआई क्रॉसिंग ऑफ दिल्ली तक दो हिस्सों में एलीवेटेड ट्रैक के निर्माण को लेकर टेंडर जारी कर दिए गए हैं। बिड सबमिशन की अंतिम तिथि 14 नवंबर है।

सुधीर कुमार शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी