27 मार्च को तीसरी बार काऊ के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी

कैंट बोर्ड ने छावनी में दो दर्जन से अधिक स्थान किए निश्चित

Meerut। छावनी में मोबाइल टॉवर को लेकर बहुत बड़ी समस्या है। हालात यह हैं कि ठीक से बात भी नहीं हो पाती है। बीच में ही कॉल कट जाती है। अधिकतर लोग लैंडलाइन फोन का ही उपयोग करते हैं। काऊ के लिए दो बार कैंट बोर्ड ने टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू की लेकिन किसी भी मोबाइल कंपनी ने इसमें रूचि नहीं दिखाई। अब 27 मार्च को तीसरी बार काऊ के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

स्थान किए निश्चित

कैंट बोर्ड ने काऊ के लिए करीब एक साल पहले दो दर्जन से अधिक स्थान निश्चित किए थे। उन स्थानों पर मोबाइल सिग्नल की समस्या को खत्म करने के लिए काऊ लगने थे। बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को पास भी कर दिया गया था। बावजूद इसके लिए मोबाइल कंपनी द्वारा रूचि न लेने के कारण टेंडर प्रक्रिया नहीं हो पाई थी।

मोबाइल सिग्नल की समस्या के समाधान के लिए 27 मार्च को काऊ के लिए टेंडर प्रक्रिया कराई जा रही है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही इसका समाधान हो जाएगा।

एमए जफर, प्रवक्ता, कैंट बोर्ड

कैंट बोर्ड में बात ही नहीं हो पाती है। लैंडलाईन फोन लगवा रखा है उसी से बात संभव हो पाती है।

मोहित गोयल

मोबाइल सिग्नल की यहां पर बहुत बड़ी प्रॉब्लम है। इसका समाधान तो होना ही चाहिए। कई बार मन ऐसा करता है कि फोन रखना ही बंद कर दूं। कैंट बोर्ड को पब्लिक की इस समस्या का समाधान करना चाहिए।

मनोज गोस्वामी

छावनी में सिग्नल की समस्या बहुत पुरानी है। पहले यहां पर कुछ कंपनियों ने अपने टॉवर लगवा रखे थे लेकिन कैंट बोर्ड ने उनको हटवा दिया। आज तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।

शोभित

मोबाइल सिग्नल न होना कैंट क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है। किसी से बात ही नहीं कर पाते हैं। कई बार तो यह होता है कि किसी समस्या में भी हो तो बात ही नहीं हो पाती है। थक हारकर लैंडलाइन फोन लगवाया है। अब अपने परिचितों को वहीं नंबर दे रखा है।

विवेक त्यागी