What’s the reason?
बच्चे बैग के एक्स्ट्रा वेट को बैलेंस करने के लिए लेफ्ट, राइट या आगे की तरफ झुककर चलते हैं, इससे एसिमेट्रिकल स्पाइन, बैक पेन और शोल्डर्स में स्ट्रेन की प्रॉब्लम्स आती है. यह बच्चों के पुअर पोश्चर के लिए जिम्मेदार होता है.
सीवीयर केसेज में बच्चे ‘स्कैपुलर विंगिंग’ कंडीशन में पहुंच जाते हैं, इसमें शोल्डर मसल्स की नर्व दब जाती है. ऐसे में बच्चों को पैरालिसिस तक हो सकता है.
क्या करें: अगर बच्चों के शोल्डर्स के मूवमेंट्स सिमेट्रिकल ना हों, तो उसे इग्नोर ना करें बल्कि डॉक्टर्स से कंसल्ट करें.

Effect on growth
हैवी बैग से होने वाले ढेर सारे नुकसान के अलावा सबसे बड़ी प्रॉब्लम्स हाइट और प्रॉपर ग्रोथ ना होने से रिलेटेड है.
डॉ. ए.एस. प्रसाद बताते हैं, ‘स्कूल गोइंग किड्स की बॉडी तेजी से ग्रो करती है. ऐसे में हैवी बैग्स से बोन्स का शेप बिगड़ जाता है. इसके साथ ही यह कई बार बच्चों की बढ़ती हाइट के लिए भी नुकसानदेह होता है और वे अपनी नेचुरल हाइट गेन नहीं कर पाते.’

Alarming!
इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियॉट्रिक्स के अकॉर्डिंग बच्चों के बैग का वेट उनके वेट के दस परसेंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
वहीं एक स्टडी के मुताबिक पांच में से चार बच्चे अपनी बॉडी वेट के दस परसेंट से भी ज्यादा बोझ उठाते हैं.

How to prevent injury
अगर बच्चे बैग लटकाते समय कुछ चीजों का ख्याल रखें तो हैवी बैग्स से होने वाली इंजरी को काफी हद तक रोका जा सकता है.
•सबसे पहले यह श्योर करें कि बैग का साइज बहुत बड़ा ना हो.
 
•बैग वेस्टलाइन के नीचे चार इंच से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

•बैग को हमेशा दोनों शोल्डर्स पर लटकाना चाहिए. इसके साथ ही चेस्ट और वेस्ट क्लिप्स के जरिए उसे पीठ पर सही पोजिशन में रखें.

•शोल्डर स्ट्रैप्स वाइड, एडजस्टेबल और पैडेड होने चाहिए.

•बैग में भारी आइटम्स इस तरह से रखें कि वे बैक के पास हों.

•बैग उठाते समय झुकना हो तो घुटने सीधे रखने की जगह उन्हें मोड़ कर बैग उठाएं.

 

Check your child school bag weight to avoid extra pressure on his body & mind & to prevent injury.

 

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