Lucknow: पुराने लखनऊ स्थित आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का पुतला जलाये जाने को लेकर बवाल खड़ा हो गया। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद और शिया वक्फ बोर्ड के  चेयर मैन वसीम रिजवी के समर्थक आमने सामने आ गये। इस दौरान एक कार को उपद्रवियों ने निशाना बनाया और शीशे तोड़ दिये।

मौलाना के समर्थकों का आरोप है कि नमाज के बाद कुछ दबंगों ने मौलाना पर हमला करना चाहा जिसका मौलाना समर्थकों ने विरोध किया। देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच मारपीट की नौबत आ गयी। बड़ा इमामबाड़ा परिसर में भगदड़ मच गयी और दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरु हो गयी। उपद्रवियों ने इमामबाड़े के बाहर खड़ी पजेरो कार के शीशे तोड़ दिये। घटना की सूचना पुलिस को दी गयी लेकिन पुलिस मौके पर पहुंचती इससे पहले ही माहौल बिगड़ चुका था।

भीड़ और नारेबाजी

बाद में मौलाना के समर्थकों ने चौक कोतवाली का भी घेराव किया। शमील शम्सी की ओर से चौक थाने में चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर करायी है। शमील शम्सी ने आरोप लगाया है कि आसिफी इमामबाड़े में हो रही जुमे की नमाज के बाद पांच युवक इजहार आलम, आरिफ, ट्विंकल, आबिद रजा और उर्फी मौलाना पर हमला करने की नियत से असलहे लेकर इमामबाड़े के अंदर पहुंच गये। वे मौलाना के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस ने उर्फी को हिरासत में लिया है।

घटना की खबर पाकर पुराने लखनऊ के अलग-अलग हिस्सों में लोग इकट्ठा होने लगे। पाटानाला पुलिस चौकी के पास सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गये और मौलाना के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। इसी तरह दरगाह हजरत अब्बास और हुसैनाबाद में भी लोग इकट्ठा हो गये। लोगों को समझाने के लिये मौलाना कल्बे जव्वाद बाहर आये और लोगों से शांत रहने की अपील की। उधर, वसीम रिजवी ने उन पर लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि इमामबाड़ा परिसर में हुई घटना से उनका कोई लेना देना नहीं है और वह पूरी घटना की निंदा करते हैं। मौके पर भारी मात्रा में पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गयी है।