स्लग: रिम्स के सेंट्रल कलेक्शन सेंटर का मामला, दोपहर 12 बजे के बाद सैंपल कलेक्शन नहीं

-ओपीडी में आने वाले मरीजों का समय पर शुरू नहीं हो पा रहा इलाज

-जील इंडिया को ओपीडी के मरीजों के सैंपल कलेक्शन का दिया गया है काम

RANCHI (): रिम्स में सैंपल कलेक्शन का काम जब से आउटसोर्सिग एजेंसी को दे दिया गया, तब से मरीजों की परेशानी कम होने के बजाय और बढ़ गई है। पहले जहां दिनभर में कभी भी सैंपल ले लिया जाता था। वहीं, अब दिन के क्ख् बजे के बाद सैंपल लिया ही नहीं जा रहा है। वहीं, रिपोर्ट भी एक दिन बाद ही देने के लिए कहते हैं। इस कारण ओपीडी के मरीजों का इलाज भी समय पर शुरू नहीं हो पा रहा है। सैंपल कलेक्शन का काम कर रही एजेंसी कहती है कि मैनेजमेंट का सपोर्ट नहीं मिल रहा है। इस तरह मैनेजमेंट व एजेंसी के बीच मरीजों की बीमारी बढ़ती जा रही है।

क्0.फ्0 बजे तक ही नंबर

सेंट्रल कलेक्शन सेंटर में सैंपल कलेक्शन के बाद विभागों में भेजने का काम जील इंडिया को दिया गया है। जो एक जगह पर ही मरीजों का सैंपल कलेक्ट करके अलग-अलग विभागों में टेस्ट के लिए सैंपल भेजती है। लेकिन सेंटर में साढ़े दस बजे के बाद मरीजों का नंबर ही नहीं लगाया जाता है। वहीं क्ख् बजे तक सैंपल कलेक्ट करके बायोकेमेस्ट्री में भेजने को कहा गया है। ऐसे में क्ख् बजे के बाद तो एजेंसी किसी भी मरीज का सैंपल कलेक्ट नहीं करती है।

बॉक्स।

डेली ख्भ्0 मरीज आते हैं जांच कराने

ओपीडी में आने वाले मरीजों में ढाई सौ मरीजों को जांच के लिए लिखा जाता है। उसमें भी एक-एक मरीज को भ्-क्0 तरह के टेस्ट कराना होता है। जिसे लेकर एजेंसी के प्रबंधक भी परेशान है। अचानक से मरीजों की आई बाढ़ से उनका भी शिड्यूल गड़बड़ हो गया है।

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क्या कहते हैं पेशेंट्स

सैंपल देने के लिए सुबह से ही नंबर लगाया। अब रिपोर्ट के लिए एक दिन बाद आने को कहा गया है। एक दिन में रिपोर्ट मिल जाता तो डॉक्टर से दिखाकर वापस घर लौट जाते। अब तो डॉक्टर भी नहीं मिलेंगे तो और दिक्कत होगी।

मनीष

डॉक्टर से दिखाने के बाद ब्लड देने के लिए सेंटर में आया। लेकिन यहां आने पर मालूम हुआ कि क्ख् बजे के बाद सैंपल नहीं लिया जाएगा। अब एक दिन और मरीज का इलाज प्रभावित हो जाएगा। इसके लिए प्रबंधन को व्यवस्था करनी चाहिए।

रहमान

इससे तो अच्छा पहले की व्यवस्था थी। जहां दिनभर में कभी भी सैंपल ले लिया जाता था। यहां तो सुबह से पहले नंबर लगाना होता है। इसके बाद ही सैंपल कलेक्ट होता है। और रिपोर्ट भी एक दिन बाद देने के लिए कहते हैं।

सरोज

वर्जन

हास्पिटल में व्यवस्था सुधारने के लिए एजेंसी को काम दिया गया है। लेकिन मरीजों की भीड़ काफी बढ़ने से परेशानी हो रही है। वहीं रिपोर्ट भी देनी होती है तो इस वजह से कलेक्शन लिमिटेड किया गया है। चूंकि सैंपल कलेक्ट करने के बाद रखना भी एक बड़ी समस्या है।

-डॉ। एसके चौधरी, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, रिम्स