आंध्र प्रदेश का बँटवारा कर पृथक तेलंगाना राज्य बनाने के फ़ैसले के बाद शनिवार को लगातार दूसरे दिन जारी विरोध प्रदर्शनों से आंध्र प्रदेश के सीमांध्रा और रायलसीमा क्षेत्रों में आम जन जीवन पर काफ़ी असर हुआ है.

आंध्र प्रदेश के ग़ैर राजपत्रित अधिकारियों और संयुक्त आंध्र प्रदेश का समर्थन करने वाले संगठनों ने 48 घंटे की हड़ताल की घोषणा की है जबकि जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने ग़ैर तेलंगाना इलाक़ों में 72 घंटे का बंद बुलाया है. यह विरोध प्रदर्शन शुक्रवार सुबह शुरू हुए थे.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ सीमांध्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश) इलाक़े में शिक्षण संस्थान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान शुक्रवार से बंद होने के कारण आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

सुरक्षा कड़ी

तेलंगाना पर तनाव,जगन अनशन परतटीय आंध्र के पुलिस महानिरीक्षक द्वारका तिरुमला राव ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं की संपत्तियों और कुछ दुकानों पर शुक्रवार को हुए हमलों के मद्देनज़र अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं.

आईजीपी राव का कहना था, "कुछ इलाक़ों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और स्थिति नियंत्रण में है. जब तक विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेंगे हमें कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन यदि हिंसा हुई तो हम कार्रवाई करेंगे और मुक़दमें भी दर्ज किए जाएंगे."

पुलिस के अनुसार प्रदर्शनों के पहले दिन शुक्रवार को हिंसा की कुछ वारदातें हुई और निजी एवं सरकारी संपत्तियों पर हमले किए गए. कई इलाक़ों में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के दफ़्तरों पर हमले हुए.

इसी बीच वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी केंद्र सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ हैदराबाद में शनिवार सुबह से अपना आमरण अनशन शुरू कर दिया है. वहीं तेलुगु देशम पार्टी के मुखिया एन चंद्रबाबू नायडू ने 'सीमांध्रा के लोगों को उनका हक़ दिलाने के लिए' सोमवार से दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने की घोषणा की है.

तीन अक्तूबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पृथक तेलंगाना राज्य बनाने के सरकार के फ़ैसले को अनुमति दी थी.

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