-इंदिरा बाल बिहार में आयोजित मेले में खूब हो रही खरीदारी
-तीन दिनों में बिक गया लाखों का दीया
-आकर्षक दीयों सहित, हैंडक्राफ्ट की हो रही खरीदारी
GORAKHPUR: दिवाली के दिन घर को रोशन करने के लिए गोरखपुराइट्स जमकर टेराकोटा दीयों की खरीदारी कर रहे हैं। पूरे विश्व में आर्ट के एरिया में गोरखपुर की पहचान टेराकोटा के कई तरह के प्रोडक्ट की खूब डिमांड हो रही है। एक नवंबर से चल रही इस प्रदर्शनी में टेराकोटा प्रोडक्ट्स के नौ स्टाल लगाए गए हैं। जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र की ओर से एक जनपद एक उत्पाद के तहत इंदिरा बाल बिहार में आयोजित प्रदर्शनी में टेराकोटा दीयों की काफी डिमांड है। थाली दीया, नारियल दीया, रतनदीप दीया, जाली दीया, सादा दीया, डिजाइन दिया सहित स्टॉल्स पर एक दर्जन से अधिक दीयों की रेंज है। इसके साथ ही टेराकोटा से तैयार अन्य प्रोडक्ट्स की भी अच्छी बिक्री हो रही है।
लाखों की हो गई बिक्री
इंदिरा बाल बिहार में पहली बार आयोजित टेराकोटा व हैंडलूम उत्पादों की बिक्री जमकर हो रही है। रविवार को प्रदर्शनी का चौथा दिन रहा, दुकानदारों के मुताबिक अभी तक करीब 10 लाख की बिक्री हो चुकी है। टेराकोटा के कलाकार इस बिक्री से उत्साहित हैं और आगे भी इस तरह की प्रदर्शनी लगाने पर भागीदारी की बात कह रहे हैं।
दीयों और झालर की धूम
प्रदर्शनी में सबसे अधिक डिमांड दीयों व झालरों की है। दिवाली में घर की सफाई करने के बाद सभी घर को रंग-बिरंगे सजावटी समानों व लाइटों से सजाते हैं। प्रदर्शनी में टेराकोटा के झालरों की भी अच्छी बिक्री हो रही है। प्रदर्शनी में आई नीलम बताती हैं कि टेराकोटा प्रोडक्ट के डिजाइन घर सजाने के लिए यह काफी अच्छे हैं। झालर के अलावा कछुआ, हाथी, घोड़ा, मछली सहित घर को सजाने के लिए टेराकोटा कलाकार कई सारी चीजें प्रदर्शनी में लाए हुए हैं।
सन डे को बनाया फन डे
सोमवार को धनतेरस होने के कारण रविवार की शाम को प्रदर्शनी में काफी चहल-पहल रही। टेराकोटा कलाकारों ने भी संडे की तैयारी कर ली थी और सुबह ही काफी मात्रा में प्रोडक्ट्स मंगा लिए थे। दोपहर तक पार्क में शांति बनी रही उसके बाद प्रदर्शनी देखने वालों की संख्या बढ़ने लगी। संडे के कारण पार्क में बड़ी संख्या में लोग बच्चों के साथ आए हुए थे। शाम को चार बजे के बाद पार्क में काफी भीड़ हो गई। गोरखपुराइट्स ने संडे को फन डे भी बना लिया और दिवाली की मार्केटिंग भी हो गई।
दीयों का रेट
थाली दीया 80-100
सादा दीया 90-100
डिजाइन दीया 180-220
कलश दीया 60-80
रतनदीप दीया 200 से 350
जाली दीया 150-200
कछुआ दीया 50-70
हाथी दीया 60-80
कढ़ाई दीया 70-90
कोट
दिवाली में अभी तक मैं हमेशा पटना चला जाता था। पहली बार गोरखपुर में टेराकोटा स्टॉल लगा रहा हूं। टेराकोटा के प्रति लोगों में पहले की अपेक्षा जागरूकता बढ़ी है।
राकेश कुमार प्रजापति, टेराकोटा कलाकार
दीया, झूमर व लालटेन की बिक्री ज्यादा हो रही है। हम लोगों ने भी दिवाली के लिहाज से प्रोडक्ट्स को सेलेक्ट किया है। यह अच्छा लग रहा है कि गोरखपुर के लोग टेराकोटा पसंद कर रहे हैं।
आकाश भारती, टेराकोटा कलाकार
गणेश जी की प्रतिमा खरीदने आया था। पूरी प्रदर्शनी घूमा, यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है। संडे की छुट्टी का बेहतर इस्तेमाल हो गया।
डॉ। सुभाष गुप्ता
टेराकोटा प्रोडक्ट्स डिजाइन काफी खुबसूरत हैं। इनकी खुबसूरती आकर्षित कर रही है। मीडिया से प्रदर्शनी के बारे में जानकारी मिली तो संडे का प्रोग्राम फिक्स कर लिया।
नीलम, हाउस वाइफ
दिवाली के लिए दीये पहले ही ले लिए थे। जब टेराकोटा के दीये को देखा तो कुछ और खरीद लिए। सुना था टेराकोटा के प्रोडक्ट महंगे होते हैं, लेकिन ऐसा है नहीं।
सुनील कन्नौजिया, बिजनेसमैन