सिविल लाइंस व झूंसी मुख्यालय में बनना है टर्मिनल, वहीं होगी सीएनजी बसों की पार्किंग

बीते जून में ही भेजा गया था प्रस्ताव, अब तक नहीं मिली मंजूरी, टर्मिनल में होंगी कई यात्री सुविधाएं

ALLAHABAD: संगम की रेती पर वर्ष 2019 में अ‌र्द्धकुंभ का आयोजन होना है। इसके लिए पर्यटन, बिजली, जल व रोडवेज सहित सभी प्रमुख विभागों की ओर से प्रस्ताव बने हैं। इसमें उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम इलाहाबाद परिक्षेत्र में टर्मिनल का प्रस्ताव भी शामिल है। लेकिन काम कब शुरू होगा इसे लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। इसकी वजह से शहर में सीएनजी बसों की राह मुश्किल हो गई है। क्योंकि जब तक टर्मिनल नहीं बनेगा तब तक शहर में बड़ी स्टैंडर्ड व लो फ्लोर बसों का संचालन भी नहीं शुरू किया जा सकता है।

जून में भेजा गया था प्रस्ताव

अ‌र्द्धकुंभ से पहले सिविल लाइंस और रोडवेज के झूंसी स्थित वर्कशाप की जमीन में टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव जून के दूसरे सप्ताह में लखनऊ मुख्यालय भेजा गया था। टर्मिनल में बसों की पार्किंग, वातानुकूलित वेटिंग रुम, बसों की टाइमिंग व रुट चार्ट जैसी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने की योजना है।

250 बसें चलाने की योजना

शहर में प्रदूषण को देखते हुए 250 सीएनजी बसें चलाने की योजना है। इसमें 130 बड़ी स्टैंडर्ड और 20 लो फ्लोर बसें शामिल होंगी। यही नहीं बसों में तैनात किए जाने वाले ड्राइवर व कंडक्टर को वर्दी भी दी जाएगी। वर्दी की डिजाइन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) से तैयार कराने का निर्णय लिया गया है।

टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव बहुत पहले भेजा जा चुका है। सीएनजी बसें भी चलाई जानी हैं। इसका भी रोडमैप तैयार है। बस मंजूरी का इंतजार है। हालांकि टर्मिनल तैयार होने के बाद ही सीएनजी बसों को चलाया जा सकता है।

डॉ। हरिशचंद्र यादव, आरएम, इलाहाबाद परिक्षेत्र