RANCHI: झारखंड की राजधानी से पूरे देश में आतंक फैलानी की साजिश का एटीएस ने खुलासा किया है। पुलिस की कई विंग्स ने मिलकर एक साथ रांची के अलग-अलग इलाकों में छापेमारी की और लगभग 10 हजार सिम कार्ड बरामद किए। एटीएस के मुताबिक, इन सिम का‌र्ड्स के जरिए देश में आतंक, धार्मिक उन्माद के मैसेज वायरल किए जा रहे थे। इस मामले में झारखंड एटीएस आतंकी कनेक्शन के सबूत इकट्ठा कर रहा है। पाकिस्तान सहित दूसरे देशों को खुफिया सूचना लीक करने के मामले की भी जांच चल रही है। इस मामले में अब भी तीन संदिग्ध पुलिस की हिरासत में हैं, जिनसे बुधवार को दिनभर कोतवाली थाने में पूछताछ की गई।

कांटाटोली व भीट्ठा बस्ती में छापा

राजधानी रांची में बैठकर देश के खिलाफ साजिश की खबर सबसे पहले झारखंड एटीएस को लगी, जिसके बाद आनन-फानन में रांची सिटी एसपी अमन कुमार, एटीएस एसपी पी मुरूगन ने साइबर थाने और विशेष शाखा की टीम के साथ संदिग्धों के ठिकानों पर दबिश देनी शुरू की। कांटा टोली इलाके में छापेमारी के दौरान पुलिस को हैरान करने वाले कई यंत्र मिले हैं। पुलिस ने दो कमरों में सिम बॉक्स में लगे सिम कार्ड, कंप्यूटर समेत कई चीजें बरामद की हैं। कांटा टोली के बाद रांची पुलिस ने शहर के कई अन्य इलाकों में भी छापेमारी की है। इस दौरान बड़े पैमाने पर सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।

कंपनी के एक पूर्व अधिकारी की मिलीभगत

छापेमारी में बरामद सभी 10 हजार सिमकार्ड एक प्रतिष्ठित निजी कंपनी हैं। ये सिमकार्ड बल्क में कैसे आवंटित हुए। एक व्यक्ति को अधिकतम नौ सिमकार्ड से अधिक नहीं मिल सकते हैं, फिर 10 हजार सिमकार्ड कैसे आवंटित हुए, इसके बारे में उक्त कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ की गई है, लेकिन एटीएस को अब तक संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है। यह जानकारी मिली है कि सभी सिमकार्ड पटना से एक्टिवेट करवाए गए थे, जिसमें उक्त नेटवर्किंग कंपनी का एक पूर्व अधिकारी मिला हुआ था।

पहली बार सिमबॉक्स बरामद

पहली बार झारखंड की राजधानी से सिमबॉक्स की बरामदगी की गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि देश भर में मैसेज वायरल कर धार्मिक उन्माद फैलाने से लेकर हर तरह के साइबर अपराध रांची में बैठकर अंजाम दिए जा रहे थे।

बल्क में भेजे जाते थे मैसेज

एटीएस ने रांची पुलिस के साथ मिलकर जब छापेमारी की, तब सिमबॉक्स का गैजेट इंडिया में बैंड मिला। इसमें एक ही मैसेज भेजा जा रहा था। विभिन्न नंबरों पर एक मैसेज भेजा गया था, जो खेलो और जीतो का मैसेज था। यह मैसेज 'प्ले रमी एंड विन डेली कैश प्राइसेस, रजिस्टर टूडे गेट बोनस रुपये 1000'। जांच एजेंसी को पूछताछ में युवकों ने बताया है कि कंपनियां उनसे संपर्क कर बल्क में अपना विज्ञापन करवाती थीं। इतना ही नहीं कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर भी मैसेज भेजकर ठगी करने आदि का आरोप है।

पाकिस्तान में होती थी बातचीत

इस सिम बॉक्स से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अरब कंट्री में बातचीत की जाती थी और संदेश भेजे जाते थे। जानकारी के मुताबिक, इंटेलिजेंस की सूचना को ये रैकेट लीक किया करता था। साथ ही धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले मैसेज भी वायरल करता था। हालांकि पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है, क्योंकि सिमबॉक्स के संचालकों की तलाश इंटरपोल भी कर रही थी। इसी सिमबॉक्स का इस्तेमाल चुनाव में भी गलत तरीके से किया जा सकता था।

दुबई से जुड़े हैं तार

पुलिस की शुरुआती जांच में पूरे मामले के तार दुबई से जुड़े होने के साक्ष्य मिले हैं। जानकारी के मुताबिक, रैकेट का मास्टरमाइंड जावेद अहमद वर्तमान में दुबई में है। उसने एक मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के पूर्व कर्मी अब्दुल जामिद को सात लाख देकर पटना स्थित कार्यालय से सात हजार सिम कार्ड एक्टिव कराए हैं।

वर्जन

मामला काफी गंभीर है और देश की सुरक्षा से जुड़ा है। इसमें जितने भी लोग शामिल हैं उनकी गिरफ्तारी जरूरी है। इसीलिए पुलिस गुप्त तरीके से काम कर रही है। साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह पर शिकंजा कसा जा रहा है। अभी भी छापेमारी जारी है।

अनीश गुप्ता, एसएसपी, रांची