सिर्फ एक टाटानगर दूसरा न कोई
चूहे तो चूहे ही होते हैं। वे जहां चाहे वहां जाएं। जिसे चाहे उसे काट दे, जितना नुकसान पहुंचाने चाहे पहुंचा दें। लेकिन ऐसा नहीं है। चूहों को टाटानगर से ज्यादा ही प्यार है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पूरे चक्रधरपुर डिवीजन में इनका प्रजेंस सिर्फ टाटानगर रेलवे स्टेशन पर ही है। रेलवे का काफी नुकसान हो जाने और पैसेंजर्स के कई कंप्लेन आने के बाद फाइनली रेलवे ऑफिसियल्स ने चूहों से पीछा छुड़ाने को टेंडर निकालने का डिसीजन लिया है। रेलवे ऑफिसियल्स का कहना है कि बहुत जल्दी टेंडर के नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। रोडेंट कंट्रोलर प्रोग्राम 3 साल के लिए चलाया जाएगा।

कहां-कहां पहुंचा रहे नुकसान
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर चूहों ने हर तरफ आतंक मचा रखा है। जहां पर इनकी सबसे ज्यादा पहुंच है उनमें वेटिंग रूम, रिटायरिंग रूम, पार्सल घर और कोचिंग यार्ड शामिल हैं। रेलवे ऑफिसियल्स का कहना है कि वेटिंग रूम और रिटायरिंग रूम में ठहरने वाले पैसेंजर्स ने कई बार चूहों से होने वाली परेशानी के लिए कंप्लेन की है। इनके प्रॉब्लम को ध्यान रखते हुए रेलवे ने यह डिसीजन लिया है। जल्द ही इस प्लानिंग को इंप्लीमेंट कर दिया जायेगा।

Glue use करना होगा
चक्रधरपुर रेलवे डिवीजन द्वारा चूहों को बस में करने के लिए होने वाले टेंडर का नोटिफिकेशन तो नहीं किया गया है लेकिन रेलवे ऑफिसियल्स ने यह क्लियर कर दिया है कि इसके लिए प्वॉइजन का यूज नहीं किया जाएगा। टाटानगर रेलवे स्टेशन के स्टेशन सुप्रिंटेंडेंट आर चौधरी ने कहा कि प्वॉइजन यूज करने से चूहे स्टेशन और प्लेटफॉर्म के आस-पास मरने लगेंगे जिससे आगे चलकर परेशानी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल चूहों को पकडऩे का काम किया जा रहा है।

For your information
-टाटानगर रेलवे स्टेशन पर चूहों से होने वाली परेशानी को लेकर कई बार पैसेंजर्स ने कंप्लेन की है।
-वेटिंग रूम में कई चूहों ने कई पैसेंजर्स के बैग को काट दिया, उनमें खाने की चीजें खा गए।
-वेटिंग रूम के अलावा रिटायरिंग रूम में कई पैसेंजर्स के पैर की अंगुली भी चूहे काट चुके हैं।
-रिटायरिंग रूम में कई बार लोगों के बॉडी पर चूहे कूदने की शिकायत भी की गई है।
-टाटानगर रेलवे स्टेशन पर स्थित पार्सल घर में भी चूहे ने कई पार्सल को काट खाया।
-आईआरसीटीसी और दूसरे स्टॉल पर रखे रहने वाले फूड आइटम्स को भी चूहे खा जाते हैं।
-कई बार वेटिंग रूम में बैठे पैसेंजर्स का टिफिन भी चूहे खा चुके हैं।
-कोचिंग यार्ड और दूसरी जगहों पर चूहे काफी नुकसान पहुंचा चुके हैं।

कुछ दिनों पहले तक कई पैसेंजर्स ने चूहों से होने वाली परेशानी को लेकर कंप्लेन भी की थी। टेंडर तो अभी तक नहीं हुआ पर टाटानगर रेलवे स्टेशन पर फिलहाल चूहों को पकडऩे का काम तो चल रहा है।
- आर चौधरी, एसएस टाटानगर

यह तो नहीं समझ पाया कि सिर्फ टाटानगर रेलवे स्टेशन पर ही चूहों का इतना आतंक क्यों है। मुझे तो बताया गया है कि चूहे बिल्ली की साइज के हैं। बहुत जल्दी 9 लाख रुपए के टेंडर को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
- एके हलदर, सीनियर डीसीएम चक्रधरपुर रेलवे डिवीजन

चूहों से काफी नुकसान हो रहा था तो इसे कंट्रोल करने के लिए कुछ करना जरूरी था। टाटानगर रेलवे स्टेशन पर रोडेंट कंट्रोल प्रोग्राम स्टार्ट करने के लिए टेंडर होगा।
- बी पांडा, एडीआरएम, चक्रधरपुर रेलवे डिवीजन

 

Report by : amit.choudhary@inext.co.in