मुंबई में 2008 में टेररिस्ट अटैक्स से पहले रेकी करने आए लश्कर टेररिस्ट डेविड कोलमैन हेडली ने जासूसी किताबों को पढ़ा था. अमेरिकन फेडरल एजेंसी एफबीआई के मुताबिक  पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक हेडली उर्फ दाऊद गिलानी को ‘ब्रूटल आर्ट ऑफ रिपिंग’ और ‘पोकिंग एंड प्रेसिंग वाइटल टारगेट्स’ जैसी किताबों से हमलों की साजिश रचने में मदद मिली थी. यह रहस्योद्घाटन शिकागो कोर्ट में सौंपी गई 158 पेज की रिपोर्ट में एफबीआई के स्पेशल एजेंट लारेंजो बेनिडिक्ट ने किया है.

मरे हुए व्यक्ति के फोन का use 

रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल, 2008 में हेडली ने ये किताबें खरीदी थीं. 26 अप्रैल, 2008 को हेडली को भेजे गए ई-मेल में एक विक्रेता ने डेविड सी हेडली नामक व्यक्ति को फिलाडेल्फिया के एड्रेस पर किताबें भेजने की पुष्टि की. रिपोर्ट में एफबीआई एजेंट ने बताया कि दिसंबर, 2007 में हेडली को विदेश से एक ई-मेल हासिल हुआ था. इसे भेजने वाले ने कहा गया था कि वह एक फिल्म की तलाश में हैं जिसमें वो सुसाइडल का रोल निभा सके. उसने हेडली से कहा था कि वह ‘काउंटर इंसर्जन्सी’, ‘एक्स्ट्रीम सेल्फ डिफेंस’ और ‘द कोवर्ट बग बुक’ नामक किताबों को हासिल करे.  एफबीआई के मुताबिक, हेडली गिरफ्तार होने से पहले लंबे समय तक एक ऐसे व्यक्ति के फोन का इस्तेमाल करता रहा जो काफी पहले मारा जा चुका था.

मुंबई की ट्रेनों में कब होती है भीड़

लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर साजिद मीर ने हेडली से पूछा था कि मुंबई में लोकल ट्रेनों के लिए स्टेशनों पर सबसे ज्यादा भीड़ किस समय होती है. उसके बाद अगस्त, 2008 में उसने ऑब्जर्वेशन किया था.

पाशा ने दिए थे जेहादी वीडियो

हेडली को लश्कर ऑपरेटर अब्दुर रहमान हाशिम सैयद उर्फ पाशा ने चार जेहादी वीडियो हासिल कराए थे. इनमें पैगंबर मुहम्मद का कार्टून बनाने वाले डेनमार्क के न्यूजपेपर से जुड़े वीडियो, इस्लामाबाद की लाल मस्जिद पर हुई सैन्य कार्रवाई और अफगान लड़ाई से जुड़े वीडियो थे. वह मुंबई के ताज होटल से वापस जाते समय यादगार के तौर पर तौलिया, कॉफी कप जैसी वस्तुएं अपने साथ ले गया था. तौलिया उसने साजिद मीर को दे दिया, जो उसने लश्कर के कमांडर लखवी को दिया था.

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