- अमेरिका ने भारत को किया alert, आतंकी संगठन IS विदेशी मेहमानों के पसंदीदा शहरों को बना सकता है निशाना, list में बनारस भी शामिल

- भीड़भाड़ वाली जगहों के अलावा popular tourist places हो सकते हैं target

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में डेली सैकड़ों की संख्या में विदेशी मेहमानों का आना होता है। वजह यहां के कल्चर, गंगा, घाट और मंदिरों में सुकून की तलाश संग कुछ अलग और पुराने शहर को जानने की ललक लोगों को यहां ले आती है लेकिन अब बनारस आने वाले विदेशी मेहमानों पर खतरा मंडरा रहा है। ये खतरा किसी ऐसे वैसे का नहीं बल्कि पूरी दुनिया में खतरा बनकर सामने आ रहे आतंकी संगठन आईएस का है। दरअसल खाड़ी देशों समेत विदेशों में आईएस के बढ़ रहे दखल के बीच अमेरिका ने भारत में भी आईएस के हमले का अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट में ये साफ कहा गया है कि विदेशी मेहमान जिन शहरों में जा रहे हैं उन शहरों को आईएस अपना निशाना बना सकता है। इनमें बनारस, आगरा, लखनऊ, इलाहाबाद जैसे शहर भी शामिल हैं। चूंकि बनारस में हर साल दस लाख से ज्यादा सैलानियों का आना होता है इसलिए यहां खतरा ज्यादा है।

सुरक्षा के नाम पर खिलवाड़

बनारस में विदेशी सैलानियों के घूमने के लिए घाट, गंगा, सारनाथ, बीएचयू, गंगा पार और तमाम मंदिर हैं। यहां आने के बाद विदेशी सैलानी इन सभी पॉइंटस पर जरूर जाते हैं। यही वजह है कि इन प्लेसेज पर सुरक्षा के लिहाज से तमाम तैयारियों का दावा प्रशासन करता रहता है। फोर्स से लेकर मेटल डिटेक्टर तक और सीसी कैमरों के अलावा टूरिस्ट पुलिस सुरक्षा के लिए हर प्लेस पर तैनात हैं लेकिन क्या ये सच में पर्याप्त है? ये बड़ा सवाल है। क्योंकि इन प्लेसेस में से कई ऐसे प्लेस हैं जहां आतंकी अपने नापाक मंसूबे को पूरा करने में कामयाब हो चुके हैं। इनमे कैंट स्टेशन, दशाश्वमेध और शीतलाघाट के अलावा संकटमोचन मंदिर शामिल हैं। इन जगहों पर तमाम सुरक्षा दावों के बीच हुए आतंकी धमाकों ने सुरक्षा की पोल खोल दी थी। इसके बाद भी सही तरीके से सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण यहां आने वाले विदेशी सैलानी कितने सेफ हैं? ये साफ है।

हर साल बढ़ रही है संख्या

- पीएम मोदी के सांसद बनने से पहले यहां सैलानियों का फ्लो थोड़ा कम था

- टूरिस्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक ख्0क्ख्-क्फ् में करीब सात से साढ़े लाख सैलानी आये थे

- लेकिन बनारस के सांसद मोदी के पीएम बनने और जापान के पीएम शिंजो अबे के बनारस दौरे के बाद विदेशी सैलानी की आवक बढ़ी है

- पिछले साल दस लाख से ज्यादा सैलानियों का बनारस आना हुआ था

- इनमे चाइना, जापान, अमेरिका, थाईलैंड, श्रीलंका, ताइवान, नेपाल, इजराइल समेत कई दूसरे देशों के सैलानी शामिल हैं

- इस साल भी अब तक आठ लाख से ज्यादा सैलानी बनारस आ चुके हैं

- जबकि अभी सबसे बड़ा फेस्टिवल देव दीपावली बाकी है

अभी है बड़ा इम्तिहान

- शहर में विदेशी सैलानियों की पसंदीदा जगह घाट, गंगा, सारनाथ और मंदिर हैं

- इन जगहों पर सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दो कांस्टेबल, बंद पड़े मेटल डिटेक्टर और सीसी कैमरे लगे हैं

- नियम है कि घाट से लेकर बाकी टूरिस्ट स्पॉट्स पर अंदर जाने वालों की अच्छे से तलाशी होगी

- लेकिन सिर्फ खानापूर्ति होती है न कि प्रॉपर चेकिंग

- विदेशी सैलानियों को सुरक्षा देने के लिए टूरिस्ट पुलिस भी है

- लेकिन ये भी सिर्फ नाम की है

- इनके पास सुरक्षा देने के लिए कोई वेपेन तक नहीं है

- सिर्फ मदद के लिए ये घाट, सारनाथ और कैंट स्टेशन पर मौजूद हैं

सुरक्षा के लिए पुलिस हर मोर्चे पर मुस्तैद रहती है। सैलानियों की सुरक्षा पहली प्रॉयरिटी है और टूरिस्ट प्लेस पर ज्यादा सतर्कता बरतने के साथ इसको और सिक्योर करने की तैयारी चल रही है।

एसके भगत, आईजी