अधिकांश जेलों में क्षमता से अधिक रहते हैं कैदी

PATNA : भोपाल सेंट्रल जेल से आतंकियों के भागने की खबर आते ही बिहार में भी खलबली मच गई है। पुलिस के तमाम आला अफसर जेलों की सुरक्षा को लेकर खाका बनाने में जुट गए हैं। इसका कारण है कि बिहार के कुछ प्रमुख जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी हैं।

वहीं बेउर जेल में बोध गया और गांधी मैदान बम विस्फोट कांड में शामिल रहे दस आतंकी बंद हैं। यह सुरक्षा अधिकारियों के लिए चुनौती है। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि कमांडो की निगहबानी में इन आतंकवादियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

पुख्ता इंतजाम का दावा

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बेउर जेल में सुरक्षा के सबसे सख्त इंतजाम हैं। कक्ष के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे राउंड ओ क्लॉक आतंकियों पर नजर रखी जा रही है। उच्च सुरक्षा कक्ष के बाहर अत्याधुनिक असलहे से लैस सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। आतंकियों और हार्डकोर नक्सलियों के वार्ड को सीसी टीवी से कवर रखा गया है। जेल की सुरक्षा-व्यवस्था फोर टीयर में है।

बेउर जेल में ये हैं बंद

बेउर जेल में उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन, इम्तियाज अंसारी, अहमद हुसैन, फखरुद्दीन अहमद, फिरोज आलम, नोमान अंसारी, इफ्तेखार आलम, हैदर अली और मुजीबुल्लाह जैसे आतंकी सहित जहानाबाद जेल ब्रेक कांड का मुख्य आरोपी नक्सली अजय कानू, बाहुबली विधायक अनंत सिंह, विधान पार्षद रीतलाल यादव भी बंद हैं।