RANCHI: झारखंड में आतंकी नेटवर्क फैला रहे हैं, इसका खुलासा ख्00ख् में हजारीबाग के खीरगांव से ही हो गया था। ख्ख् जनवरी ख्00ख् को कोलकाता स्थित अमेरिकन सेंटर के पास ब्लास्ट मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने खीरगांव में छापेमारी की थी। इस दौरान हुई मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया गया। इनकी पहचान सलीम व जाहिद के रूप में हुई। उस वक्त हजारीबाग में इन आतंकियों के स्थानीय नेटवर्क के बारे में कई जानकारियां मिलीं, लेकिन जांच में गंभीरता नहीं दिखाई गई और मामला दबा रह गया। गौरतलब है कि ब्लास्ट की जिम्मेवारी हरकत-उल-जिहाद अल इस्लामी नामक आतंकी संगठन ने ली थी। इसमें चार पुलिसकर्मी सहित एक निजी सुरक्षाकर्मी भी मारा गया था। वहीं, ख्0 लोग घायल हुए थे।

झारखंड पुलिस की दिलचस्पी नहीं

झारखंड इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के लिए सुरक्षित स्थान बन गया है। यहां आतंकी और टाइमर बम बनाए जा रहे हैं। इस संगठन का कई जिलों में व्यवस्थित नेटवर्क है। यह सब अचानक नहीं हुआ। लंबे समय से इस बात के संकेत मिल रहे थे कि झारखंड आतंकियों के लिए सुरक्षित जगह बनता जा रहा है। आतंकी संगठनों के लोग यहां आ रहे हैं, जिन्हें कुछ भटके हुए लोगों का संरक्षण है। पटना सीरियल बम ब्लास्ट से पहले झारखंड में आतंकियों के खिलाफ जो भी कार्रवाई हुई, वो सभी बाहर की पुलिस या आइबी के स्तर से की गई। किसी भी मामले में झारखंड पुलिस की दिलचस्पी नहीं के बराबर रही थी। बाहर से आनेवाली पुलिस को सिर्फ सहयोग भर किया जाता था।

झारखंड का आतंकी कनेक्शन

ख्00फ्: टाटा में रहता था दिल्ली विस्फोट का आरोपी

वर्ष ख्00फ् की दीपावली के दो दिन पहले आतंकियों ने दिल्ली के अंसल प्लाजा में बम विस्फोट किया। लश्कर-ए-तैयबा ने जिम्मेदारी ली। आरोपी शाहनवाज एक मुठभेड़ में मारा गया। उसकी जेब से ड्राइविंग लाइसेंस मिला था। जो जमशेदपुर में बनवाया गया था।

ख्008: रांची के मंजर व दानिश ने ली थी आतंकी ट्रेनिंग

केरल के अरनाकुलम में वर्ष ख्008 में इंडियन मुजाहिदीन के ट्रेनिंग कैंप से सुरक्षा एजेंसियों को कुछ तथ्य हाथ लगे थे। इससे पता चला कि रांची के बरियातू निवासी मंजर इमाम व दानिश भी ट्रेनिंग कैंप में शामिल हुए थे। लंबे समय तक पीछा करने के बाद एनआइए ने दोनों को गिरफ्तार किया।

ख्0क्क्:जमशेदपुर से अरेस्ट हुए दो आतंकी

भोपाल में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने ख्0क्क् में मण्णापुरम गोल्ड फाइनांस कंपनी के ऑफिस से छह किलो सोना लूटा था। इंडियन मुजाहिदीन का भोपाल सरगना डॉ अबू फैजल व इकरार शेख जमशेदपुर में दो माह रहे। जमशेदपुर के जाकिर नगर में घर खरीदा। गैस कनेक्शन लिए व ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए। दोनों की गिरफ्तारी के बाद जाकिर नगर स्थित घर से तीन किलो सोना मिला था।

ख्0क्ख्: हजारीबाग से आतंकी गिरफ्तार

एनआइए की टीम ने ख्9 फरवरी ख्0क्ख् को हजारीबाग से इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी होने के आरोप में पीर मुहम्मद नामक युवक को गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने दूसरे आतंकी को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।

ख्0क्फ् : पटना ब्लास्ट के आरोपी रांची में धराए

आइएम के आतंकियों ने ख्7 अक्तूबर ख्0क्फ् को पटना के गांधी मैदान में सीरियल बम ब्लास्ट किया। घटनास्थल से ही पुलिस ने रांची निवासी आतंकी इम्तियाज और विस्फोट में घायल आतंकी तारिक उर्फ एनुल (अब मृत) को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आतंकियों ने न सिर्फ विस्फोट में अपनी संलिप्तता स्वीकार की, बल्कि आइएम के रांची कनेक्शन की बात भी पुलिस को बताई।

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मुजिबुल के साथ इम्तियाज भी आरोपी

हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के इरम लॉज से बरामद विस्फोटक मामले में मुजिबुल्ला अंसारी, सलीम अंसारी व पटना सीरियल ब्लास्ट में गिरफ्तार इम्तियाज को अभियुक्त बनाया गया। सभी के खिलाफ क्7 सीएलए एक्ट, यूएपी एक्ट व विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ। इम्तियाज के पास से एक मोबाइल नंबर बरामद हुआ था। जब उस मोबाइल नंबर की जांच हुई। तब यह जानकारी मिली कि मोबाइल नंबर मुजिबुल का है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि मुजिबल इरम लॉज में रहता है। उसके कमरे में उसका साथी सलीम अंसारी भी रहता है। तब पुलिस ने मुजिबल अंसारी की तलाश में लॉज में छापेमारी की। जहां से पुलिस ने विस्फोटक बरामद हुआ।

सलीम ही आइएमए का हैदर

इरम लॉज के कमरे से मुजिबुल और सलीम के वोटर आइकार्ड भी मिले। जांच में पता चला कि सलीम ही इंडियन मुजाहिदीन का हैदर हो सकता है। हैदर अपनी पहचान छिपाने के लिए सलीम के नाम पर पहचान पत्र बनवा कर मुजिबुल के साथ रहता था।