मोबाइल में आईएम के जेहादियों के नंबर


यदि झारखंड में फॉलिन नहीं आता, तो स्टेट की चार सिटीज में धमाके होते। आईएम ने झारखंड के चार शहरों में दहशत फैलाने की तैयारी कर ली थी। आईएम के निर्देश पर जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो और रांची में विस्फोट करना था। वह भी तब, जब पूरा शहर दुर्गापूजा की मस्ती में डूबा हुआ था। लेकिन फॉलिन आने के कारण ये प्लानिंग कैंसिल कर दी गई। इस बाबत आईबी यानी इंटेलिजेंस Žयूरो ने पुलिस हेडक्वार्टर को खुफिया रिपोर्ट भी दी थी।
बदल गया टारगेट का ठिकाना
झारखंड पुलिस टेररिस्ट एक्टिविटी की रिपोर्ट मिलने के बाद पूरे केस में अपनी चौकसी बरते हुए थी। स्टेट के संबंधित डिस्ट्रिक्ट के एसपी को सचेत रहने की इनफॉरमेशन दे दी गई थी। बाद में पटना में आयोजित नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में विस्फोट करने का फैसला लिया गया। चूंकि, गुजरात ने आईएम को काफी झटका दिया था, इसलिए नरेंद्र मोदी को पहले टारगेट किया गया था।

मोबाइल में आईएम के जेहादियों के नंबर
पुलिस ने इम्तियाज के कमरे से जो मोबाइल बरामद किया है, उसमें आईएम के जेहादियों के साथ-साथ असम, केरल, बेंगलुरु, नेपाल, गल्फ कंट्री, हैदराबाद, गुजरात व मध्यप्रदेश के जेहादियों के सरगना के नंबर्स मिले हैैं। पुलिस के पास उस मोबाइल में वैसे भी नंबर्स मिले हैं, जो पाकिस्तान के आईएसआई एजेंट के हैैं। अब एक बड़ा सवाल ये है कि आखिर इम्तियाज को उन लोगों के नंबर्स कैसे मिले? किससे जुड़ा था इम्तियाज? कौन हैैं ये दहशतगर्द? मोबाइल से मिले सारे नंबर्स को रांची पुलिस ने छापेमारी करने आई एनआईए टीम के मेंबर्स को सौंप दिए हैैं।

कौन टेररिस्ट आया था रांची?
इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट को दुर्गा पूजा के पूर्व रांची में एक बड़े टेररिस्ट के आने की इनफॉरमेशन है। आखिर वह टेररिस्ट कौन था? उसके रांची आने का मकसद क्या था? क्या वह इम्तियाज से मिलने आया था और उसे आईएम के बारे में इन्फॉर्मेशन देने के लिए आया था या उसे रांची से कुछ युवकों को आईएम में शामिल करना था। उस टेररिस्ट को तहसीन अख्तर उर्फ तहसीन उर्फ तबरेज ने इम्तियाज अंसारी के बारे में जानकारी दी थी। इस आतंकी के बारे में पुलिस को जानकारी थी। वह रांची आया और यहां से आराम से निकल गया। पुलिस ने उसकी तलाश में एयरपोर्ट, स्टेशन और बस स्टैंड में चौकसी बढ़ा दी थी। फिर भी, वह पुलिस की पकड़ से दूर रहा। इन्फॉर्मेशन के मुताबिक, वह रियाज भटकल और यासीन भटकल का दायां हाथ था। लेकिन रांची पुलिस को उसकी सूचना देर से मिली और वह पकड़ से बाहर हो गया।

उर्दू वीडियो में सिर्फ जेहाद की बातें
पुलिस ने इम्तियाज अंसारी के पास से जो पेन ड्राइव जŽत किया है, उनका कोड खुल गया है। इम्तियाज अंसारी के पेन ड्राइव से हासिल  वीडियो में केवल जेहादियों का भाषण, आतंक को बढ़ावा देना, गवर्नमेंट पॉलिसी, उसकी उद्घोषणा और विस्फोट करने के तरीकों के बारे में बताया गया है। ये ऐसे वीडियो हैैं, जिनके जरिए आतंकी बम प्लांट कर किसी भी घटना को अंजाम दे सकते हैैं।

20 से 30 पेज का है कन्फेशन
पटना पुलिस, रांची पुलिस और एनआईए की टीम ने गांधी मैदान में हुए विस्फोट के बाद अरेस्ट हुए रांची के सीठियो निवासी कलामुद्दीन के चौथे बेटे मो इम्तियाज अंसारी का कन्फेशन लिया है। कन्फेशन 20 से 30 पेज का है। इसमें बताया गया है कि इम्तियाज आइएम से कैसे जुड़ा, उसे जोडऩेवाला कौन था और इसके पीछे उसका एक ही मकसद खुद को धनवान बनाना था। सूत्रों के मुताबिक, कन्फेशन में उसने इस बात का भी जिक्र किया है कि वह छह भाइयों में सबसे कमजोर था। उसे कोई नौकरी नहीं मिल रही थी। ठेकेदारी वगैरह में उसे कोई दिलचस्पी नहीं थी। रांची से मंजर इमाम और दानिश का नाम जुडऩे के बाद उसे भी आईएम से जुडऩे के लिए दिलचस्पी होने लगी थी। वह खुद को रोक नहीं पाया और रांची में ही सिम्मी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर आईएम में जुडऩे का फैसला लिया। उसने पुलिस को कन्फेश में बताया कि जिस वक्त एनआईए की टीम ने नेपाल से यासीन भटकल को अरेस्ट किया था, तहसीन अख्तर उर्फ तहसीन उर्फ तबरेज नेपाल में ही था। नेपाल में एनआईए कीदबिश के कारण तीन मार्च को वह वहां से फरार हो गया था। वर्ष 2009 से लेकर 2011 तक मंजर इमाम ने यासीन भटकल को रांची में शरण दी थी।

सूत्रों की तलाश में जुटी एनआइए
रांची पहुंची एनआईए और पटना पुलिस की टीम रांची पुलिस के साथ मिलकर सिटी में आईएम के सूत्रों की तलाश में जुट गई है। मसलन अब प्रेशर कुकर, Žलैक पाउडर, कांचा और विस्फोटकों की खरीदारी कहां से हुई? उसे बेचनेवाला कौन था? इसकी गंभीरता से तहकीकात की जा रही है।

धुर्वा थाना पहुंचे रेल डीएसपी
रेल डीएसपी संजय कुमार झा ट्यूजडे को धुर्वा थाना पहुंचे। उन्होंने धुर्वा पुलिस के साथ मीटिंग कर पूरे मामले की जानकारी ली। मो इम्तियाज अंसारी के घर से जŽत किए सामानों को देखा और उसकी पूरी जानकारी ली। रेल डीएसपी पटना डीजीपी अभयानंद के निर्देश पर रांची आए हैैंं। उधर, मो इम्तियाज को आज रेल अदालत में पेश किया गया। जहां उसका भादवि 164 के तहत बयान रिकॉर्ड किया गया।

रांची में रुकेगा एनआइए
पटना विस्फोट कांड की अहम कड़ी और इम्तियाज से पूछताछ के बाद एनआईए की टीम रांची में कुछ दिन और रुकेगी। टीम अपने लेवल से रांची के वैसे इलाकों में छापेमारी कर रही है, जहां से उसे लिंक मिल रहे हैैं। एनआईए को उम्मीद है कि यह लिंक झारखंड के रांची, जमशेदपुर, बोकारो और धनबाद से लेकर कई जगहों से संबंधित है। इसका पता लगाना बहुत जरूरी है, जिससे यह पता चल सके कि आखिर इन युवकों को आतंकियों के आईएम में किसने शामिल किया था।

पटना बम कांड के लिए मिले थे दस-दस लाख?
इन्फॉर्मेशन के मुताबिक, पटना विस्फोट कांड को करने के लिए आईएम ने तहसीन अख्तर उर्फ तहसीन उर्फ तबरेज को एकमुश्त राशि सौंपी थी। इसमें मो इम्तियाज समेत अन्य को दस-दस लाख रुपए मिलनेवाले थे। जानकारी यह भी मिली कि आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए इन्हें महीने में एकमुश्त राशि दी जाती थी। पटना विस्फोट कांड सफल होने के बाद इन्हें अलकायदा की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भी भेजा जाता।

हालांकि, झारखंड में आतंकी घटना नहीं हुई है। लेकिन जिस तरह से आईएम के आतंकी रांची, जमशेदपुर, पाकुड़ और बोकारो में पकड़े जा रहे हैैं, यह चिंता का विषय है। पुलिस इस इश्यू पर गंभीरता से जांच कर रही है, ताकि आतंकी गतिविधियोंं पर काबू पाया जा सके। पुलिस अपने खुफिया तंत्र को और मजबूत करेगी।
एसएन प्रधान
एडीजी सह प्रवक्ता, झारखंड पुलिस

 

Report by : kuber@inext.com