- जेल में करायी गयी महेश देवी और आबिद की मुलाकात

- आबिद ने महेश देवी को मां मानने से किया इंकार

- परिवार फिर भी डीएनए टेस्ट की मांग पर अड़ा रहा

LUCKNOW: सजायाफ्ता तीन आतंकियों में से एक आतंकी आबिद को प्रवीण बताने वाले परिवार को आबिद से मिलाया गया। संडे को जिला प्रशासन ने पुलिस, एसटीएफ और एटीएस की मौजूदगी में महेश देवी और पवन कुमार की मुलाकात आबिद से करायी। आबिद ने खुद को प्रवीण होने से मना कर दिया और महेश देवी से कहा कि मैं तुम्हारा बेटा नहीं हूं। आबिद ने बताया कि वह कभी मेरठ गया ही नहीं। हालांकि परिवार ने अभी भी आस नहीं छोड़ी है और आबिद का डीएनए टेस्ट कराने की डिमांड रखी है। आबिद को प्रवीण से मिलता जुलता बताने वाले पवन कुमार ने दावा किया था कि उसके छोटे भाई प्रवीण के हाथ पर उसका नाम गुदा हुआ है। आबिद के हाथ पर ऐसा कोई निशान नहीं मिला।

चोट के निशान के निशान कर रहे मैच

प्रवीण के बड़े भाई पवन ने बताया कि प्रवीण को बचपन में चोट लगी थी जिसके निशान उसके शरीर पर थे। कुछ वैसे ही निशान आबिद के शरीर पर भी मिले हैं। इसके अलावा दांत की बनावट भी बिल्कुल वैसी ही है। पवन का कहना है कि आबिद का बात करने का अंदाज भी वेस्टर्न यूपी का है। पवन ने बताया कि मां से बात करते समय आबिद की आंखें नम हो गयीं, लेकिन उसने महेश देवी को मंा के रूप में पहचानने से इंकार कर दिया। पवन ने बताया कि उसकी डीएनए टेस्ट की डिमांड बरकरार है।

क्या है पूरा मामला

शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे मेरठ के कंकड़ खेड़ा के एक परिवार ने दावा किया था कि जिन तीन आतंकियों को तीस जून को सजा सुनाई गयी थी उनमें से एक आतंकी आबिद नहीं बल्कि उनका बेटा प्रवीण है। 1 जुलाई को अखबार में छपी आबिद की फोटो को महेश देवी ने अपना बेटा प्रवीण बताया था। प्रवीण मई 2006 से लापता है। जबकि आबिद और उसके दो अन्य साथियों को लखनऊ में नवंबर 2007 में राहुल गांधी के किडनैप की साजिश रचने के आरो में गिरफ्तार किया था।