वेस्ट पर सबकी नजर

खुफिया तंत्र के अनुसार आतंकी संगठन आईएम (इंडियन मुजाहिद्दी) के पंद्रह आतंकी यूपी में एंटर कर गए हैं। फरार इन आतंकियों की तलाश के लिए जोरदार कोशिश की जा रही है। आईबी की ओर से इनको लेकर एलर्ट भी जारी किया जा चुका है। साथ ही इन आतंकियों पर ईनाम भी है। यही नहीं यूपी में पहले ही एलर्ट जारी किया जा चुका है। एटीएस (एंटी टेररिस्ट सेल) और आईब इन आतंकियों की खोजबीन में लगी है।

मुजफ्फरनगर में भी रहे आतंकी

लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी हाल में ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मेवात में दबोचे थे। ये दोनों आतंकी मुजफ्फरनगर दंगे के बाद इस एरिया में ठहरे थे। पकड़े जाने के बाद इन दोनों आतंकियों ने वेस्ट से अपने कनेक्शन जाहिर किए थे। मुजफ्फरनगर में दंगों के बाद आईएसआई से लिंक भी निकलकर सामने आ चुके हैं। इन दो आतंकियों के बाद अब पंद्रह आतंकियों की तलाश को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के पसीने छूट रहे हैं।

आर्मी भी एलर्ट

लश्कर-ए-तैयबा के इन दोनों आतंकियों की वेस्ट में ठहरने की पुष्टि के बाद इनके अन्य लिंक खोजने के लिए खुफिया विभाग एलर्ट हो गया। मेरठ में नक्सली कमांडर चंदन जी उर्फ चनारिक दास की गिरफ्तारी ने भी सवाल खड़े कर दिए थे। इसके साथ ही 26 जनवरी के  पर्व को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है। वहीं संभावित आतंकी हमले के मद्देनजर आर्मी एरिया में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आर्मी एरिया में बैरियर लगाकर सघन चेकिंग की जा रही है।

इनकी तलाश जारी

खुफिया एजेंसी के अनुसार पांच आतंकियों में डॉ। शहनवाज आलम, आरिज खान उर्फ जुनैद, मोहम्मद साजिद उर्फ बड़ा साजिद, मोहम्मद खालिद और मिर्जा शादाब बेग आजमगढ़ जिले के हैं। आईएमए के सक्रिय सदस्य बताए गए हैं। इनके लिंक यूपी से होने के बाद मामला खतरनाक हो गया है। एनसीआर में भी इन आतंकियों की तलाश की जा रही है। साथ ही लोकल इंटेलीजेंस और पुलिस पुराने रिकार्ड निकालकर मौजूदगी जांचने में जुटी हुई है।

माओवादी कनेक्शन

दो मई 2011 को शास्त्री नगर में के-ब्लॉक के मकान नंबर 1098 में एटीएस और थाना पुलिस ने छापा मारा था। छापे का कारण एक माओवादी नेता वाराणसी सुब्रमण्यम उर्फ श्रीकांत उर्फ सुकांत की गिरफ्तारी से संबंधित था। जिसको उसी दिन बिहार के कटिहार जिले से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जब उससे पूछताछ हुई तो उसका असली चेहरा सामने आया था। वह पांच महीनों से शास्त्री नगर में किराए पर रहकर गतिविधियों से जुड़ा हुआ था। इसके पास मिली एक सीडी में लादेन के आतंक का पूरा इतिहास था।

सैकड़ों हैं मौजूद

खुफिया विभाग की मानें तो वेस्ट यूपी के जिलों में सैकड़ों नक्सली छुपकर रह रहे हैं। जो यहीं से अपनी गतिविधियों को सुचारू रूप से चला रहे हैं। महाबोधी गया में हुए सिलेंडर विस्फोट के तार मेरठ से जुड़े थे। विस्फोट में यूज किए गए सिलेंडर में मेरठ में ही तैयार किए गए थे। पिछले साल मुरैना से ग्वालियर जाने वाली बस में मिले बैग में टाइम बम मिले थे। जिस बैग में ये बम रखे थे उसमें एक अखबार की कटिंग मिली थी। जो मेरठ के अखबार की कटिंग थी।

असद और फुरकान

पाकिस्तानी आतंकी कहा जाने वाला असद उर्फ आबिद उर्फ अबू बकर उर्फ अजित मेरठ में कोतवाली एरिया में खुलेआम रहता था। जिसको रुड़की में पकड़ा लिया गया था। इसके पास से कई नक्शे और अन्य खुफिया जानकारी मिली थी। इसको यहां पनाह देने वाले फुरकान को भी पुलिस ने मुरादाबाद से दबोच लिया था। जो यहां से दुबई जाने की फिराक में था। यहां असद का आसानी से लाइसेंस भी बन गया था। उसका राशन कार्ड भी तैयार हो गया था।

ये रहे कनेक्शन

जनवरी 2010 में आबूलेन से सब्जी बेचने वाला नासिर और उसका साथी मुकीम पकड़े गए थे। जो पाकिस्तान के लिए जासूसी करते थे। 2010 में ही कानपुर में पकड़े गए इम्तियाज के तार मेरठ से जुड़े थे। जिसका बेटा मेरठ में रहकर पढ़ाई कर रहा था। आगरा में पकड़ी गई मेहरुनिशा, नदीम, गुलाम मोहम्मद और खलील हुसैन आदि के तार भी वेस्ट से लगातार जुड़े थे। यही नहीं मुजफ्फरनगर और सहारनपुर इनका बड़ा अड्डा है।