2005 का है यह मामला

28 दिसंबर 2005 को मुंबई के आईआईएस इंस्टीट्यूट में हुए आतंकी हमले के आरोपी हबीब मिया को त्रिपुरा में गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हमले में Indian Institute of Science (IISc) के एक प्रोफेसर की मौत हो गई थी। जबकि चार अन्य घायल हो गए थे। इंस्टीट्यूट पर हमला करने वाले आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के थे। इस हमले का मुख्य आरोपी नूरल्लाह खान उर्फ शहाबुद्दीन था, जो हमला करके बांग्लादेश भाग गया था। हबीब ने शहाबुद्दीन को फरार होने में मदद की थी। जिसके बाद पुलिस को हबीब की तलाश में जुट गई।

पकड़े गए आतंकी ने खोले राज

पिछले हफ्ते ही त्रिपुरा से बंगलुरु लाए गए हबीब ने 12 साल पहले हुए हमले से जुड़े कुछ राज खोले। पुलिस की मानें तो, हबीब और उसके साथियों ने उस दिन बंगलुरु के कई शिक्षण संस्थानों पर हमला करने का प्लॉन बनाया था। इन आतंकियों के निशाने पर ले मेरेडिन होटल, पीईएस इंस्टीट्यूट और आईआईएम थे।

जब ट्रैफिक जाम में फंसने से iim को निशाना नहीं बना पाए आतंकी

ट्रैफिक जाम ने बचा ली जिंदगियां

हबीब ने पुलिस पूछताछ में बताया कि, उन्होंने सबसे पहला टारगेट 'ले मेरेडियन' होटल को चुना। जहां पर नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (Nasscom) का सेमिनार आयोजित किया गया था। लेकिन यह प्लॉन इसलिए सफल नहीं हो सका। क्योंकि वहां सुरक्षा काफी कड़ी थी और अंदर घुसने का कोई जरिया नहीं था। इसके बाद ये आतंकी पीईएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पर हमला करने पहुंचे। जहां एक और सेमिनार रखा गया था लेकिन यह प्लॉन भी असफल हो गया। यहां पर उन्हें हमला करके भागने का रास्ता नहीं मिला था। आखिर में इन आंतकियों ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) पर हमला करने का प्लॉन बनाया। लेकिन जब तक ये वहां पहुंचते सेमिनार खत्म हो चुका था। ये आतंकी ट्रैफिक जाम में फंसे रहे थे।

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