राष्ट्रीय प्रसारक सीसीटीवी ने इसे “आतंकवादी घटना” बताया है.

पहले मिली रिपोर्टों के अनुसार पुलिस इस मामले में कम से कम आठ लोगों की तलाश कर रही थी जिनमें से ज़्यादातर तनावग्रस्त शिनचियांग इलाके के रहने वाले हैं.

इस घटना में एक गाड़ी भीड़ में घुस गई थी और गाड़ी में आग लग गई थी जिसके कारण पाँच लोग मारे गए थे.

सरकारी सीसीटीवी चैनल ने एक माइक्रोब्लॉग वेबसाइट पर जानकारी देते हुए कहा, “घटना के 10 घंटे बाद गिरफ़्तारियाँ हुई, और इसकी पहचान एक आतंकवादी घटना के तौर पर हुई है.”

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार इस घटना के लिए कम से पाँच संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है.

गुरुवार को कई समाचार एजेंसियों ने कहा था कि पुलिस ने राजधानी बीज़िंग के कई होटलों को नोटिस भेजा था जिसमें उनसे आठ संदिग्धों के बारे में जानकारी मांगी गई थी.

रिपोर्टों के अनुसार आठ में से सात नाम पश्चिमी शिनचियांग प्रांत में रहने वाले मुस्लिम उइघुर जातीय गुट के लोगों जैसे हैं, जबकि आठवाँ नाम चीन के बहुसंख्यक हान लोगों जैसा है.

शिन्हुआ के मुताबिक सोमवार को मरने वाले पाँच लोगों में तीन कार के भीतर थे. पुलिस ने बुधवार को कहा था कि गाड़ी के भीतर एक पुरुष, एक महिला और महिला की मां बैठे थे.

दुर्घटना में फ़िलीपींस और गुआंगडांग प्रांत का एक पर्यटक भी मारा गया था जबकि 38 लोग घायल हुए थे.

घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद वांग डाके ने बताया, “हमने सोचा कि जीप हमारी ओर आ रही है, और मेरी मां और मेरे पास भागने का कोई मौका नहीं था. इसलिए हम वहीं खड़े रहे.”

सदमा

"हमने सोचा कि अगर कार हमसे भिड़ेगी तो हम तुरंत वहीं मर जाएंगे. लेकिन कार की टक्कर संगरमरमर की रेलिंग से हो गई और हमें चोट नहीं लगी"

-चश्मदीद

वांग डाके सदमे में थे और उन्हें घुटने में चोट लगी थी, इसलिए उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा.

उन्होंने बताया, “हमने सोचा कि अगर कार हमसे भिड़ेगी तो हम तुरंत वहीं मर जाएंगे. लेकिन कार की टक्कर संगरमरमर की रेलिंग से हो गई और हमें चोट नहीं लगी.”

दुर्घटना के तुरंत बाद पुलिस ने इलाके में आने-जाने पर रोक लगा दी.

बीबीसी की एक टीम ने जब वहाँ जाने की कोशिश की तो उसे कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया गया. चीन के सोशल मीडिया में घटनास्थल की कुछ तस्वीरों को तुरंत हटा दिया गया और टिप्पणियों को नियंत्रित कर दिया गया.

शिंगचियाग मुस्लिम बहुल इलाका है जहाँ कई लोगों की शिकायत है कि सरकार उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का शोषण करती है.

शिंचियांग के पिशान और शानशान इलाकों में कई बार हिंसा हो चुकी है. उधर चीन का कहना है कि उसने उइघुर के स्थानीय लोगों को व्यापक स्वतंत्रता दे रखी है.

जून में शिंगचियांग के तुरपान इलाके में हिंसा हुई थी जिसमें 27 लोग मारे गए थे. अप्रेल में एक दूसरी घटना में कशाघार इलाके में हुई हिंसा में 21 लोग मारे गए थे.

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