-टीईटी पास कैंडिडेट्स ने प्रशांत किशोर से की मुलाकात

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क्कन्ञ्जहृन् : बिहार में 2011 के करीब 30 हजार से अधिक टीईटी पास कैंडिडेट्स अब भी ऐसे हैं, जिन्हें नियुक्तिप्रक्रिया का लाभ नहीं मिला है। अब उन्हें अपने टीईटी की वैलिडिटी समाप्त होने का खतरा सता रहा है। रविवार को जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ टेट पास कैंडिड्स ने मुलाकात की। यह वार्ता बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक भर्ती निकालने के लिए थी। बैठक बिहार राज्य टेट, स्टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ के प्रदेश अध्यक्ष चन्दन शर्मा एवं महासचिव अश्रि्वनी ओझा के नेतृत्व में हुई। चन्दन शर्मा ने बताया कि प्रशांत किशोर ने इस मामले के लिए 20 दिनों का समय लिया गया है। उन्होंने बताया है कि 20 दिनों बाद सीएम नीतीश कुमार से इस मसले पर बात होगी। प्रशांत किशोर ने आश्वस्त किया कि टेट कैंडिडेट्स की वैलिडिटी बढ़ायी जाएगी। उन्होंने बताया कि पूरी कोशिश करेंगे कि 2011 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त होने से से पहले भर्ती शुरू हो जाये।

सात साल बाद नहीं मिला मौका

ज्ञात हो कि 2011 के बाद टीईटी पास अभ्यर्थियों को नियोजन के लिए उचित मौका नहीं मिलने से हजारों अभ्यर्थी अभी अपनी नियोजन की बाट जोह रहे है। इन सात वषरें में सिर्फ एक बार 2012 में वेकैंसी दी गई। उसके बाद एक ही वेकैंसी को बार बार कैम्प लगाया गया। वही अब 2017 में भी अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो गए है। मामला 2011 के करीब तीस हजार और 2017 के करीब 50 हजार टेट पास कैंडिडेट्स का है। माध्यमिक शिक्षक संघर्ष समिति के संतोष श्रीवास्तव सहित अन्य अभ्यर्थी सीएम आवास पर मौजूद थे।