- सरकार से शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक लगाने की मांग

- शिक्षामित्रों के समायोजन को असंवैधानिक करार देने की मांग

- बीटीसी व टीईटी पास कैंडीडेट्स को नौकरी देने की मांग की

Meerut: सरकार ने हाल में शिक्षकों के लिए नौकरी का रास्ता खोला। जिसमें टीईटी पास बीटीसी व बीएड डिग्री धारकों को शामिल किया गया। इसके साथ ही शिक्षमित्रों के समायोजन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। जिसको लेकर बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सैकड़ों स्टूडेंट्स शिक्षमित्रों के समायोजन के विरोध में सड़क पर उतर आए। जो शिक्षा मित्रों को दी जा रही इस नौकरी का विरोध करते हुए रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।

यह रहा मामला

बीटीसी कैंडीडेट्स जो टीईटी (टीचर एलिजिबिल्टी टेस्ट) पास कर चुके हैं गुरुवार को इकट्ठा होकर कलेक्ट्रेट पर धरना देने पहुंचे। जहां उन्होंने डीएम के माध्यम से पीएम, सीएम, मानव संसाधन विकास मंत्री और बेसिक विभाग को ज्ञापन भेजा। इन कैंडीडेट्स का नेतृत्व कर रहे विवेक चौधरी का कहना है कि हम लोग बीटीसी प्रशिक्षु हैं। जो प्रजेंट में प्राइवेट कॉलेजों में पैसा खर्च करके प्रशिक्षण ले रहे हैं, साथ ही टीईटी पास कर चुके हैं। इसके साथ ही स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लायक हैं। लेकिन अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं।

यह रही मांगे

अपने मांग पत्र में इनका कहना है कि बिना टीईटी पास शिक्षा मित्रों के समायोजन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए। प्रजेंट में बीटीसी ट्रेनिंग ले रहे कैंडीडेट्स के भविष्य का ध्यान रखते हुए भर्ती के लिए उचित कदम उठाए जाएं। प्रशिक्षण के तुरंत बाद शिक्षामित्रों की तरह परिषदीय स्कूलों में निश्चित मानदेय पर रखा जाए। योग्य शिक्षकों की भारी कमी के चलते बीटीसी व टीईटी पास कैंडीडेट्स को तीन महीने के अंदर नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। अपनी दस मांगों को रखते हुए शिक्षा मित्रों के समायोजन का कड़ा विरोध किया। साथ ही सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी।