छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : 1987 में स्थापित भारतीय फुटबॉल की नर्सरी कहा जाने वाला टाटा फुटबॉल अकादमी ने गुरुवार को 19 पेशेवर फुटबॉलरों को राष्ट्र को समर्पित किया। पिछले तीस सालों में देश की पहली फुटबॉल अकादमी ने 213 पेशेवर फुटबॉलर पैदा किया, जिसमें 141 कैडेट्स (कुल कैडेट्स का 56 फीसदी) ने विभिन्न आयु वर्र्गो में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। माइकल जॉन ऑडिटोरियम में आयोजित दीक्षा समारोह में सभी ग्रेजुएट कैडेट्स को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

बासेत बने बेस्ट् कैडेट

जमशेदपुर एफसी रिज‌र्व्स टीम के कप्तान बासेत हांसदा को सर्वश्रेष्ठ कैडेट घोषित किया गया। कुल 19 पासआउट कैडेट्स में 16 को जेएफसी की रिज‌र्व्स टीम ने एक साल के लिए अनुबंधित किया है। उन्हें मासिक 20 हजार रुपए मिलेंगे, यानि साल भर में दो लाख चालीस हजार रुपये कमा पाएंगे। दीक्षा समारोह में बेंगलुरू एफसी के स्टार स्ट्राइकर उदांता सिंह के अलावा टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन, सुनील भास्करन (चेयरमैन, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट, टाटा फुटबॉल अकादमी), खेल विभाग के चीफ आर राधाकृष्णन व मुकुल विनायक चौधरी (चीफ, एकेडमिक्स व एक्सीलेंस, टाटा स्टील) व झारखंड फुटबॉल संघ के अध्यक्ष नजम अंसारी मौजूद थे।

टीएफए से उपाधि पाने वाले कैडेट्स

येंद्रेंबम नरेश सिंह (मणिपुर), बिल्लू तेली (प। बंगाल), मोबासिर रहमान (झारखंड), शुभम घोष, स्वरुप दास, हर्ष परुई, मो। फिरोज खान, राकेश यादव, विशाल दास (सभी प। बंगाल के), बासेत हांसदा (झारखंड), करणदीप (पंजाब), लारा शर्मा (पंजाब), विजय कुमार (हरियाणा), थियाम श्रीवश सिंह (मणिपुर)।