- 300 करोड़ की ठगी के मामले में फरार चल रहे मेन आरोपी राजेश के गांव पहुंची पुलिस

-देर रात बरेली लेकर आई क्राइम ब्रांच की टीम, कुशीनगर में छिपा है राजेश

BAREILLY :

करोड़ों की ठगी के मामले में पुलिस से तेज वह लोग निकले जो ठगों की तलाश में जुटे थे। उन्होंने राजेश के गांव जाकर उसके पिता, भाई की पत्‍‌नी व चाचा के लड़के को पकड़ लिया। सूचना पर बरेली से पहुंची पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया। तीनों को लेकर पुलिस देर रात बरेली पहुंची। वहीं इस मामले में संत सच्चा सतराम दास साहेब एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील खत्री के नेतृत्व में व्यापारी आईजी से मिले, उन्होंने राजेश की भी गिरफ्तारी की मांग की।

पुलिस नहीं कर रही थी कार्रवाई

ठगी के मामले में पुलिस तो थक हार कर बैठ गई। लेकिन मामले में जेल गए शिवनाथ के भाई कृष्णनाथ खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए लगातार राजेश और उसके भाइयों को ढूंढ रहा था। वह कुशीनगर के सेवरई थानाक्षेत्र के समकुहीराज गांव में पहुंचे जहां राजेश के मां-बाप रहते थे। कृष्णनाथ व उनके साथियों ने राजेश के मां-बाप, दोनों भाइयों व उनकी पत्‍ि‌नयों को पकड़ लिया। लेकिन राजेश के चाचा के लड़के दोनों भाइयों को छुड़ाकर ले गए। इस पर उन्होंने बरेली व्यापारी नेता विशाल मेहरोत्रा को जानकारी दी। विशाल मेहरोत्रा ने यहां अधिकारियों को बताया। जिसके बाद उनके साथ क्राइम ब्रांच की एक टीम उन्हें पकड़ने के लिए कुशीनगर पहुंची। पुलिस टीम ने राजेश के पिता, उसके चाचा रामकिशोर के लड़के व भाई मनोज की पत्‍‌नी को हिरासत में ले लिया। तीनों को देर रात बरेली लाया गया। कुशीनगर पहुंचे कृष्णनाथ आदि ने पुलिस को बताया कि राजेश ने गांव में स्विफ्ट डिजायर गाड़ी को छिपा कर रखा है। पुलिस ने गांव से यह कार भी बरामद कर ली। कार को भी बरेली लाया जा रहा है।

पीडि़तों को पुलिस ने थाने में बैठाया

कृष्णनाथ आदि ने राजेश के पिता व अन्य परिजनों को पकड़ने के बाद वहां की स्थानीय पुलिस को सूचना दी। इस पर वहां पुलिस ने उन्हें ही थाने में बैठा लिया। जानकारी होने पर कृष्णनाथ की परिवार की महिलाएं दोपहर में एसपी सिटी के पास गईं और शिकायत की। तब यहां से अफसरों ने बात की। इसके बाद दोपहर को उन्हें छोड़ा गया। ग्रीन पार्क में रहने वाले मोहन लाल मौर्य गंगा इंफ्रा में अफसर थे। एमडी राजेश मौर्य के फरार होने के बाद निवेशक मोहन लाल पर रुपए लौटाने के लिए दबाव बना रहे थे। ट्यूजडे रात को मोहनलाल ग्रीन पार्क से कहीं दूसरी जगह मकान शिफ्ट कर रहे थे। निवेशकों को पता चला तो उन्होंने ग्रीन पार्क जाकर मोहनलाल को घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी। मोहन लाल ने वारदात की तहरीर बारादरी पुलिस को दी है।