-एक्सप‌र्ट्स ने कहा बैन के बाद 25 परसेंट तक बढ़ जाएंगी दवाओं की कीमतें

श्चड्डह्लठ्ठड्ड@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

क्कन्ञ्जहृन्: सरकार की ओर से 300 से अधिक दवाओं पर बैन के बाद इसकी कीमतों में करीब 25 परसेंट तक की वृद्धि हो सकती है। बिहार की राजधानी पटना वर्तमान समय में देश की सबसे बड़ी दवा मंडी है। यह सूचना बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर आयी है। यह बैन फिक्स ड्रग काम्बिनेशन यानि दो या दो से अधिक दवाओं को मिलाकर बनाई गई दवाओं पर लागू किया गया है। ऐसे में काम्बिनेशन वाली दवा को दवा कंपनियों को अलग-अलग तैयार करना होगा। इससे दवाओं की बिक्री के तरीके और लागत में अंतर की वजह से ऐसे दवाओं की कीमतें बढ़ने के आसार हैं। इसलिए सरकार का यह फैसला आम आदमी के स्वास्थ्य को बेहतर करने की कोशिश तो जरूर है लेकिन उनकी जेब पर भी भारी पड़ने वाला है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसके विभिन्न पहलुओं की पड़ताल की। आप भी पढि़ए

हो सकती है दवा की कमी

बड़ी संख्या में दवाओं के बैन किए जाने के बाद मार्केट में इसके सिंगल ड्रग की कमी हो सकती है। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने कहा कि सरकार का यह कदम पेशेंट के स्वास्थ्य के लिए लिहाज से अच्छा है। लेकिन एक ही बार में करीब 328 ड्रग काम्बिनेशन को अचानक बंद किए जाने से इसके सिंगल ड्रग की कमी हो सकती है। उदाहरण के लिए जो कफ सिरफ तीन-चार फारमूला से बन रहा है। इसी प्रकार, निमूपाडा जो कि निमूसलाइड और पारासिटामोल से बनता है, इफेक्टिव भी थी, लेकिन अब यह भी नहीं मिलेगा। इसी प्रकार, कई दर्द निवारक दवाएं, जो काम्बिनेशन में थी, वे दवाएं नहीं मिल सकेगी।

60 परसेंट दवा काम्बिनेशन की

जानकारी हो कि भारत में बनने वाली दवाओं में से 60 परसेंट दवाएं फिक्स ड्रग काम्बिनेशन वाली है। केवल 40 परसेंट दवाएं ही सिंगल ड्रग के तौर पर मार्केट में उपलब्ध है। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिशन के महासचिव संतोष कुमार ने बताया कि सरकार के इस फैसले से 328 ड्रग काम्बिनेशन पर बैन का अर्थ है मार्केट से एकाएक 7000 ब्रांड खत्म हो जाना। इसका एक असर यह भी दिखेगा कि देश में विदेशी ब्रांड की दवाओं की खपत बढ़ जाएगी। क्योंकि अधिसंख्य काम्बिनेशन ड्रग भारतीय कंपनियां तैयार करती है।

इन पेशेंट के लिए समस्या

डायबिटिज पेशेंट को उनके सूगर लेवल के आधार पर अलग-अलग दवाएं काम्बिनेशन के अनुसार बदल-बदल कर दी जाती है। बैन दवाओं में बड़ी संख्या में एंटी डायबिटिक दवाएं शामिल है। इसमें दो समस्या होगी। एक , डॉक्टर के सामने नई दवा लिखने की समस्या, दूसरा, पहले से सूगर पेशेंट के दवा में भारी खर्च है और ज्यादा बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार, एंटीबायोटिक और एंटी हाइपरटेंशन की दवाओं के सेवन करने वालों पर भी बोझ बढ़ेगा।

सरकार के इस कदम से दवाओं के बेहतर और समुचित प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा। जो काम्बिनेशन ड्रग का प्रयोग उचित नहीं था, उसे बैन किया गया है।

-डॉ हरिहर दीक्षित, हेड फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट, आईजीआईएमएस

दवाओं की कीमत 25 परसेंट तक बढ़ सकती है। बाजार में 60 परसेंट दवाइयां काम्बिनेशन ड्रग है। सूगर सहित अन्य पेशेंट पर पर ज्यादा असर होगा।

-संतोष कुमार, महासचिव बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन