'पुलिस रहित समाज' विषय पर हुई प्रतियोगिता में अव्वल आने पर इनाम में मिली थानेदारी

दसवीं की छात्रा सौम्या ने बकायदा चार्ज लिया, निरीक्षण किया और दौरे पर भी निकली

ALLAHABAD: उम्र छोटी थी लेकिन नजरिया बड़ा। चंद घंटों में साबित कर दिया कि भविष्य में पुलिस विभाग में चयनित हुई तो एक जिम्मेदार अधिकारी का फर्ज निभाने से नहीं चूकेगी। टैगोर पब्लिक स्कूल की कक्षा दसवीं की छात्रा सौम्या दुबे रविवार को दूसरी छात्राओं के लिए मिसाल बन गई। उसे पुलिस लाइंस में पिछले दिनों आयोजित 'पुलिस रहित समाज' विषय पर हुई निबंध प्रतियोगिता में अव्वल आने का अनोखा इनाम दिया गया। पुलिस विभाग ने एक दिन के लिए सिविल लाइंस थाने का चार्ज सौंपा। छात्रा ने इस मौके को ठीक उसी तरह भुनाया जैसे नायक फिल्म के एक्टर अनिल कपूर ने भुनाया था। वह थाने से लेकर रोड तक हर जगह एक्शन में नजर आई।

दिन: रविवार

दिनांक: 20-08-2017

समय: सुबह दस बजे

स्थान- पुलिस लाइंस

जयहिंद बोलकर मारा सैल्यूट

एएसपी विनीत जायसवाल पुलिस लाइंस स्थित सभागार में पहुंचते हैं। यहां से पहले से मौजूद विजयी और प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों को सम्बोधित करना शुरू करते हैं। कुछ ही देर बाद यहां सिविल लाइंस थाने की सरकारी जीप फोर्स के साथ पहुंचती है। जीप से उतरने वाले सिपाही विजयी प्रतिभागी सौम्या को सैल्यूट कर नए इंस्पेक्टर की तरह स्वागत करते हैं। उसे पूरे सम्मान के साथ थाने की जीप में बैठाया जाता है। जीप सिविल लाइंस से थाने के लिये रवाना होती है। थाने में पहले से ही सभी कर्मचारी और दरोगा अपने नए अधिकारी के इंतजार में स्वागत के लिए खड़े थे। जैसे ही सरकारी जीप थाने में घुसी, सभी पुलिसकर्मियों ने नए अधिकारी को सलामी दी। जय हिंद बोलते हुए सौम्या को वहां मौजूद पुलिसकर्मी इंस्पेक्टर के रुम में ले गए, वहां सौम्या ने कुर्सी संभाली। इसके बाद एक के बाद एक पुलिसकर्मियों ने अपना परिचय दिया।

समय: सुबह 11:20 बजे

स्थान: सिविल लाइंस थाना

पास की सिपाहियों की छुट्टी

दरोगाओं ने सर्वप्रथम जनरल डायरी का अवलोकन कराते हुए उसके बारे में बताया। इसके बाद मुंशी कक्ष, मालखाना, बंदी गृह, मेस समेत कई अन्य जगहों को दिखाया। इस दौरान सौम्या ने दरोगाओं से थाने की स्थिति के बारे में भी पूछताछ की। कुर्सी पर बैठने के बाद सौम्या ने थाने में समस्या लेकर आए फरियादियों की समस्या सुनी और उनके निस्तारण का आदेश दिया। इस दौरान जयप्रकाश दुबे समेत दो सिपाहियों की छुट्टी स्वीकृत की तो पुलिसकर्मियों के चेहरे खिल गए।

समय: दोपहर 12:30 बजे

स्थान: सिविल लाइंस चौराहा

थाने से निकली सौम्या ने हमराहियों के साथ क्षेत्र भ्रमण का कार्यक्रम बनाया और सुभाष चौराहे पहुंची। कानून व्यवस्था को चुस्त दुरस्त रखते हुए चौराहे पर चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान बिना हेलमेट यातायात के नियमों का पालन न करने वाली लड़कियों और लड़कों को रोका और पूछताछ के बाद उनका चालान कटवाया। इसके अलावा पीवीआर व दूसरे भीड़भाड़ वाले स्थान पर माइक के जरिए लोगों को वाहन पार्किंग उचित स्थान पर करने संबंधी निर्देश दिये।

टाइम- दोपहर 1:30 बजे

पुलिस जीप में किया क्षेत्र का भ्रमण

सुभाष चौराहे पर लगभग एक घंटे तक वाहन चेकिंग में बिजी रहने के बाद सौम्या थाने की जीप में भ्रमण पर निकल गई। शाम तक वह भ्रमण के अलावा थाने पर भी दोबारा गई। वहां फाइलों के कामकाज के साथ अपराधियों के धरपकड़ की प्लानिंग को भी जाना।

बॉक्स

बाकियों ने जाना कार्य

सौम्या के अलावा प्रतियोगता में हिस्सा लेने वाले कई अन्य स्टूडेंट्स को भी कैंट, खुल्दाबाद, मुट्ठीगंज समेत कई थानों पर भेजा गया। इसमें प्रिया पांडेय, आशीष सिंह, गीतांजलि सिंह एवं निहाल पांडेय को कैंट, प्रतिज्ञा कुमारी, अरुंधती राय, सार्थक श्रीवास्तव एवं सफीरा हुसैन को खुल्दाबाद थाना। अर्चित मिश्रा चंद्र प्रकाश एवं मणींद्र नाथ को कीडगंज तथा परिमल अग्रवाल, शरद कुमार सिंह एवं हर्ष पांडेय को मुट्ठीगंज थाने भेजा गया था। यहां सभी विद्यार्थियों को पुलिस के वाहनों से पेट्रोलिंग कराई गई और काम-काज के बारे में जानकारी दी गयी।

माता, पिता व भाई की खुशी

15 साल की बेटी को इंस्पेक्टर सिविल लाइंस की कुर्सी पर देख पिता महीश दुबे की खुशी का ठिकाना नहीं था। पिता के साथ ही भाई और उनके दोस्त सौम्या के चार्ज संभालने व उसके कार्यो की तस्वीर अपने मोबाइल में कैद कर रहे थे। सौम्या की मां नीलू दुबे घर पर टीवी के जरिये बेटी को इंस्पेक्टर की कुर्सी पर बैठा देख खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही थीं।

आईपीएस बनने की ख्वाहिश

सौम्या ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए बताया कि उसे कभी ऐसी उम्मीद नहीं थी कि उसे एक दिन का इंस्पेक्टर बनने का मौका मिलेगा। सौम्या ने बताया कि उसने अभी से मन बना लिया है कि उसे आगे चलकर आईपीएस की तैयारी करनी और एक अच्छा अधिकारी बनना है। उसने कहा कि कुर्सी पर बैठने के बाद इस बात का एहसास हुआ कि पुलिस पर सामाज और लोगों की कितनी जिम्मेदारी है।