- पिपराइच में 342 दिन में ही बदले गए छह थानेदार, अब नए थानेदार के भी गिने जाने लगे दिन

- थाना क्षेत्र को समझने में ही चली जाती थानेदारी, भला काम क्या करेंगे थानेदार

PIPRAICH: पिपराइच में पुलिस अधिकारियों के तबादले ने एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। यहां 342 दिन में ही छह थानेदार आए और गए। इस तरह औसत एक थानेदार की थानेदारी सिर्फ 57 दिन की ही रही। पुलिस सूत्रों की मानें तो इतने दिन तो थाना क्षेत्र को ठीक से समझने में ही लग जाते हैं। इस तरह पिपराइच थाना क्षेत्र की थानेदारी हो नहीं पाती, समझने के दौरान ही खत्म हो जाती है। अब 31 मार्च को थानेदार अजय कुमार ओझा भी हटा दिए गए हैं।

128 गांव, 57 दिन

पिपराइच थाना क्षेत्र में 127 गांव हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो 57 दिन की थानेदारी में तो थाना क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति समझने में ही लग जाएंगे। यहां के संवेदनशील क्षेत्र, अपराधियों की जानकारी लेते-लेते इतने दिन गुजर जाते हैं। इतने दिनों की थानेदारों में हर गांव के हिस्से दो दिन आते हैं। जब थानेदार सबकुछ समझकर काम करने लायक होते हैं तब तक उनसे थानेदारी छीन ली जाती हैं। फिर नए थानेदार आते हैं और मातहतों से नए सिरे से सबकुछ समझते हैं। पिपराइच थाने में यही क्रम चलता आ रहा है।

जमीन, शराब, जंगल

पिपराइच क्षेत्र में जहां भू-माफियाओं का सिक्का चलता है वहीं कच्ची का भी खूब खरोबार होता है। जंगल क्षेत्र होने के कारण लकड़ी तस्करों की भी चांदी है। ऐसे में यहां तेज तर्रार थानेदार की जरूरत है जो इनसे निपट सके। ज्यादातर थानेदार इन मोर्चो पर विफल होने के कारण ही हटा दिए जाते हैं। यह भी चर्चा है कि इनकी पहुंच ऊपर तक है और इनके दबाव में भी कई काम करने वाले थानेदार हटा दिए जाते हैं। यानी, जो थानेदार अपनी थानेदारी ठीक से नहीं चला पाता, उसे विभाग हटा देता है और जिसकी थानेदारी चल जाती है, उसे माफिया हटवा देते हैं। इस तरह पिपराइच थाने में हर दो माह में एक तबादला हो ही जाता है।

तबादलों का थाना

8 मार्च 2015 को मनोज पटेल को पिपराइच थाने की थानेदारी दी गई। प्रधानाचार्य के घर डकैती का खुलासा न कर पाने के चलते उनको अपनी थानेदारी गंवानी पड़ी। यह तबादला कार्रवाई के तहत था इसलिए इस पर किसी को आपत्ति नहीं हुई। मनोज पटेल के बाद लगातार थानेदार बदलते गए। तब से अब तक चौथी राम, गिरिजेश तिवारी, प्रभातेष श्रीवास्तव को कच्ची शराब के मामले में निलंबित किया गया। उसके बाद फिर से गिरिजेश तिवारी को जिम्मेदारी सौंप दी गई। इनके बाद अब 31 मार्च 2016 को थानेदार अजय ओझा भी चले गए। पहली अप्रैल को अंजनी कुमार श्रीवास्तव की थानेदारी के दिन शुरू हुए हैं। इसी के साथ यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि देखते हैं नए थानेदार के हिस्से में पिपराइच की थानेदारी के कितने दिन हैं।

थाना क्षेत्र के गांवों की भौगोलिक स्थिति के आकलन के लिए माह में मुश्किल से 5 से 7 दिन ही मिलते हैं। दो दिन थाना दिवस, दो दिन तहसील दिवस, वीआईपी ड्यूटी के अलावा जनता के महत्वपूर्ण कार्य को निपटाना जरूरी होता है। इस तरह पूरे क्षेत्र के चप्पे-चप्पे को जानने के लिए तो दो साल भी कम पड़ते हैं। रही बात कम दिनों में तबादले की बात तो यह वरीय अधिकारी कहते हैं। इस संबंध में वही बता सकते हैं।

- अंजनी श्रीवास्तव, नवागत थानेदार

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थानेदार कब से कब तक

मनोज कुमार पटेल 8.12.14 8.3.15

चौथी राम यादव 8.315

15.5.15

गिरिजेश कुमार 15.5.15 24.7.15

प्रभातेश 24.715 27.11.15

गिरिजेश तिवारी 27.11.15 4.1.16

अजय कुमार ओझा 4.1.16

31.3.16

अंजनी श्रीवास्तव 1.4.16