थैंक्स गॉड! बच्चों को ज्यादा चोट नहीं आई। लेकिन, उनके चेहरे पर ब्लड देखकर पैरेंट्स का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। वह अपना आक्रोश काबू नहीं कर पाए और गुस्सा ड्राइवर पर निकाला। फिर बच्चों को हॉस्पिटल ले गए और उनका ट्रीटमेंट कराया। यह सब कुछ हो रहा था फ्राइडे को सिविल लाइंस स्थित पत्थर गिरजा घर के आगे। यहां एक स्कूल वैन के ड्राइवर ने अपनी कार को एक स्कूली बस से भिड़ा दिया था। वैन में एक दर्जन से ज्यादा स्कूली बच्चे बैठे थे।

घर लौट रहे थे बच्चे
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक रूपचन्द्र धूमनगंज एरिया का रहने वाला है। वह सेंट जोसेफ स्कूल एंड कॉलेज के बच्चों को मारुति वैन से ले जाता है और वापस उन्हें घर छोड़ता है। फ्राइडे को स्कूल में छुट्टी होने के बाद वह बच्चों को लेकर वैन से धूमनगंज एरिया की तरफ जा रहा था। वैन में करीब 15 बच्चे बैठे थे। पत्थर गिरजा घर के आगे जरा सी चूक हुई और वैन सामने से आ रही विष्णु भगवान पब्लिक स्कूल की बस से भिड़ गई। रोड एक्सीडेंट से वहां हड़कंप मच गया। बच्चे जख्मी हो गए और वे वहीं रोना शुरू कर दिए।

पहुंचाया गया हॉस्पिटल
वैन में सवार सात साल के सूर्यांश, 10 साल के आदित्य और 10 साल के प्रखर अंशुमान को गंभीर चोटें आईं। एक्सीडेंट की सूचना मिलते ही सिविल लाइंस पुलिस मौके पर पहुंच गई। मोबाइल पर सूचना मिली तो बच्चों के पैरेंट्स भी स्पॉट पर पहुंचे। बच्चों की दशा देखकर वे अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाए और रूपचन्द्र को पहले कोसा और फिर पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने बीच-बचाव करके किसी तरह से रूपचंद को उनके चंगुल से मुक्त कराया। फिर जख्मी बच्चों को रेलवे हॉस्पिटल ले जाया गया। तीनों जख्मी बच्चे झलवा रेलवे कालोनी के रहने वाले हैं।

खौफजदा थे बच्चे
एक्सीडेंट से बच्चे खौफजदा थे। पैरेंट्स वहां पहुंचते ही उन्होंने रोना शुरू कर दिया। अपने को सामने देखकर उनके चेहरे का खौफ साफ नजर आने लगा। कोई अपने पिता को पकड़ कर लिपट गया तो कोई फोन करके अपनी मां को बता रहा था कि मां मैं ठीक हूं। हर कोई हैरान परेशान था कि यह क्या हो गया। पहली बार बच्चों को इस तरह की घटना को फेस करना पड़ा था। दूसरी ओर रेलवे हॉस्पिटल पहुंचे बच्चों को फस्र्ट एड के बाद छोड़ दिया गया। तीन बच्चों को ही ज्यादा चोट लगी थी।