कुछ समय पहले तक सेंसर बोर्ड की तरफ  से फिल्मों को 'ए" सर्टिफिकेट मिलने का मतलब होता था कि  इसे सिर्फ  एडल्ट्स ही देख सकते हैं। हाल ही में कुछ फिल्मों को लगातार मिले इस सर्टिफिकेट ने इसकी मीनिंग को बदल दिया है। दरअसल ये पिछले कुछ समय में 'डेल्ही बेली', 'मर्डर 2', 'साहब बीवी और गैंगस्टर', 'देसी ब्वॉयज' और अब 'द डर्टी पिक्चर' को भी 'ए' सर्टिफिकेट मिला है। बावजूद इसके 18 साल की उम्र से कम के बच्चे इन्हें थिएटर्स में देख रहे है। इस मामले में सिनेमा वाले कोई एक्शन ही नहीं ले रहे।

नियमों का पालन ही नहीं

अगर सरकारी नियमों की बात करें, तो थिएटर्स के लिए गाइडलाइंस यही कहती हैं कि फिल्म देखने आए दर्शक की उम्र पर शंका होने पर मैनेजमेंट उससे एज सर्टिफिकेट मांग सकता है। इसके बाद ही उसे हॉल में इंट्री दी जानी चाहिए और पूरी फिल्म के दौरान दर्शक के पास अपना एज प्रूफ जरूर रहना चाहिए। लेकिन लखनऊ में किसी भी मल्टीप्लेक्स या सिंगल स्क्रीन में यह गाइडलाइंस फॉलो नहीं की जा रही हैं।

यही वजह है कि 14 से 16 साल की उम्र के नाबालिग दर्शक भी इन फिल्मों को बेरोक टोक देख रहे हैं। सिर्फ कॉलेज गोइंग ब्वायज और गल्र्स ही नहीं बल्कि स्कूली स्टूडेंट्स तक इन फिल्मों को देखने पहुंच रहे हैं।

सवाल कमाई का

ज्यादा प्रॉफिट की चाह में थिएटर्स 'ए' सर्टिफिकेट वाली फिल्मों को 18 साल से कम उम्र के बच्चों को देखने की छूट दे रहे हैं। एक सिंगल स्क्रीन सिनेमा के चीफ  मैनेजर से बात की तो उनका जवाब था कि 'ए' सर्टिफिकेट वाली फिल्मों को  बच्चे अपनी फैमिली के साथ देखने आते हैं तो इस पर वे ऐतराज नहीं करते। डिप्टी कमिश्नर मनोरंजन कर वी के श्रीवास्तव के अनुसार ऐसे सिनेमाघरों का चालान किया जा सकता है। अगर आवश्यक हो तो ऐसे थिएटर्स का लाइसेंस भी रद्द कर दे।

ताकि अधिक दर्शक मिलें

बॉक्स ऑफिस पर एडल्ट फिल्मों को मिल रही जबर्दस्त कामयाबी को देख बॉलीवुड लगातार ऐसी फिल्में ला रहा है। अब फिल्म मेकर्स की यही कोशिश होती है कि कम बजट के साथ फिल्म में कोई हॉट मसाला डाल दिया जाए, जिससे फिल्म को पब्लिसिटी मिले और दर्शक इसकी ओर खिंचे आएं। मल्टीप्लेक्सेज और सिंगल स्क्रीन जगत से जुड़े लोगों की माने तो हॉल में तो हम बच्चों को जाने से रोक सकते हैं। तमाम टीनएजर साइबर कैफे में बैठकर नेट पर घंटों ऐसी फिल्में देखता है। नेट से लोड कर ये फिल्में घर पर भी देख सकते हैं। हालांकि लखनऊ में मल्टीप्लेक्स में स्कूली ड्रेस में जाने वाले बच्चों पर रोक लगाई जा चुकी है। लेकिन बाद में इसे हटा लिया गया।