आई एक्सक्लूसिव

-कैंट स्थित एयर स्ट्रिप को किया जाएगा री-कारपेट, कॉमर्शियल और चार्टर्ड फ्लाइट के लिए नए सिरे से डेवलप किया जाएगा

-डीएम ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा प्रस्ताव, ट्रेनिंग सेंटर बनाने के साथ रीजनल कनेक्टिविटी के तहत भी जोड़ा जाएगा

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KANPUR : शहर को और बेहतर हवाई सेवाओं से लैस करने के लिए अब कैंट स्थित एयरोड्रम को हाईटेक तरीके से डेवलप किया जाएगा। कॉमर्शियल और चार्टर्ड फ्लाइट के लिए इसे तैयार किया जाएगा। वहीं लखनऊ के बाद आसपास के जिले में कोई भी बड़ा एयरपोर्ट नहीं है, जिसे इमरजेंसी में यूज किया जा सके। इसको देखते हुए अब कानपुर को अल्टरनेट के तौर पर भी तैयार किया जा रहा है। कैंट स्थित एयरोड्रम के कायाकल्प के लिए 12 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी तैयार किया जा चुका है और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा जा चुका है। वहीं मौजूदा समय में अहिरवां एयरपोर्ट बनकर पूरी तरह से तैयार हो चुका है। मार्च में इसे शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

चार्टर्ड प्लेन के लिए बेहतर

कैंट स्थित एयरोड्रम एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अंडर में आता है, जिससे यहां के विकास में एयरफोर्स की परमीशन नहीं लेनी पड़ेगी। जिला प्रशासन भी इसके विकास में पूरी तरह से सहयोग कर सकता है। डीएम सुरेंद्र सिंह ने डीजीएम एयरपोर्ट से मीटिंग के बाद प्रस्ताव तैयार किया है और इसकी एयर स्ट्रिप को री-कारपेट करने, हैंगर बनाने और ट्रेनिंग सेंटर बनाने के लिए प्रयोग में लाया जा सकेगा।

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कॉमर्शियल फ्लाइट से बढ़ेगी आय

एयरोड्रम में कॉमर्शियल फ्लाइट से आवाजाही शुरू होते ही एयरपोर्ट अथॉरिटी को खासा रेवेन्यू प्राप्त होगा, वहीं इसकी वजह से फ्लाइट से आने वाला सामान सीधे कानपुर आ सकेगा। अभी ज्यादातर कॉमर्शियल फ्लाइट दिल्ली में उतरती हैं। मौजूदा समय में कुछ चार्टर्ड प्लेन ही यहां उतरते हैं और कुछ लोग फ्लाइट क्लब में ट्रेनिंग लेते हैं।

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एक्सीडेंट होने के बाद से यूज कम

कैंट स्थित एयरोड्रम पर 18 मई 1996 को अर्चना एयरवेज की एल-410 फ्लाइट को लैंड कराया गया था, लेकिन एयरस्ट्रिप छोटी होने की वजह से वह बाउंड्री से टकराकर क्रैश हो गया था, जिसके बाद से इसपर कभी कोई पैसेंजर फ्लाइट नहीं उतारी गई। एयरस्ट्रिप बड़ी होने की वजह से चकेरी एयरपोर्ट को यूज में लाया जाने लगा। बताते चलें कि एयरोड्रम को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन एयरपोर्ट कोड (आईएटीएए) और इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन एयरपोर्ट कोड (आईसीएओ) मिला हुआ है। मौजूदा समय में भी यह एयरपोर्ट ऑफ इंडिया की लिस्ट में शामिल है। इसलिए इसे शुरू करने में किसी भी तरह प्रॉब्लम नहीं होगी।

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12 करोड़ से यह प्रस्ताव बना

-एयर स्ट्रिप को री-कारपेट करने के साथ ही लंबाई बढ़ाई जाएगी।

-प्लेन के खड़े होने करने के लिए हैंगर को बनाया जाएगा।

-ट्रेनिंग सेंटर को नए सिरे से डेवलप किया जाएगा।

-मौजूदा बिल्डिंग को हाईटेक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

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12 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसको कॉमर्शियल और चार्टर्ड फ्लाइट के लिए फिर से शुरू किया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

-सुरेंद्र सिंह, डीएम, कानपुर नगर।

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प्रस्ताव बनकर लगभग तैयार है। इसे शुरू करने के लिए प्रयास तेज किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि इसे 1 साल में रिकारपेट कर शुरू कर दिया जाएगा।

-जमील खालिक, डीजीएम एयरपोर्ट।