ये संगीन आरोप है खरखौदा थाने की पुलिस पर। गैंगरेप के आरोपियों को पांच लाख रुपए लेकर बख्श दिया गया है। घटना को एक हफ्ते से ज्यादा बीत चुका है, लेकिन पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। बकौल पीडि़ता, आरोपी गांव में ही हैं। कहते घूम रहे हैं कि पुलिस को पांच लाख रुपए दिए हैं, अब भी हमें गिरफ्तार किया जाएगा?

हुआ था रेप
घटना 12 मई की है। नूरी (बदला हुआ नाम) अपने गांव आजमपुर दहपा से ननद के पास अजराड़ा जा रही थी। दहपा टेंपो स्टैंड पर गांव के ही इमरान, जुबैर और नाजिम खड़े हुए थे। इन्होंने नूरी से पूछा, कहां जा रही हो। नूरी ने बताया अजराड़ा। तीनों ने नूरी से कहा कि वो भी अजराड़ा जा रहे हैं, गाड़ी में बैठ जाओ। नूरी जानती थी कि ये लोग गांव के ही हैं इसलिए उनकी गाड़ी में बैठ गई।

पुल के पास
हापुड़ से आगे अतराड़ा नदी के पुल के पास इन्होंने गाड़ी खराब होने के बहाने रोक ली। यहां तीनों ने विवाहिता नूरी के साथ बलात्कार किया। इसके बाद कट्टा दिखाकर बोले, अगर किसी को बताया तो तेरे पति को जान से मार देंगे।

मुकदमा दर्ज
नूरी ने सारी बात अपने ससुर को बताई। 13 मई को इस मामले की रिपोर्ट खरखौदा थाने में दर्ज कराई गई, जिसमें तीन लोगों को नामजद किया गया। लेकिन आज तक पुलिस इन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। सोमवार को पीडि़ता के परिजनों ने एसपी देहात आरपी पांडे से इंसाफ की गुहार लगाई। परिजनों ने आरोप लगाया कि गैंगरेप के आरोपी गांव में खुले घूम रहे हैं। वो कहते हैं कि पांच लाख रुपए दे दिए हैं। मामला रफा-दफा हो गया है। धमकी देते हैं कि अगर ज्यादा कानूनची बनोगे तो एक-दो को जान से मार देंगे।

क्यों नहीं हुई गिरफ्तारी
नूरी के साथ बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है। तीन लोग नामजद भी कर दिए गए हैं। पुलिस को सिर्फ गिरफ्तारी करनी है लेकिन शायद इस मामले को हल्के में लिया जा रहा है। या फिर पीडि़त सच कह रहे हैं कि पुलिस ने पांच लाख रुपए ले लिए हैं. 

खरखौदा थाने में मुकदमा कायम है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं। उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पीडि़त का ये आरोप बेबुनियाद है कि पुलिस ने पांच लाख रुपए लिए हैं।
आरपी पांडे, एसपी देहात