सिरिंज लगाकर उतार दिया बॉडी में जहर, कार में मिली थी बॉडी

स्कूल का प्रबंधक था मृतक, शादी का कार्ड बांटने निकला था

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PRAYAGRAJ: एक दोस्त बेहतर मिल जाए तो लाइफ को बदल जाती है। इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन, दोस्ती में निजी स्वार्थ शामिल हो जाय तो वह कत्ल भी करा सकती है, इसमें भी कोई संदेह नहीं है। शनिवार को पुलिस ने बंद कार में स्कूल प्रबंधक की बॉडी मिलने के मामले का खुलासा किया तो यही चौंकाने वाला सच सामने आया। पुलिस ने मृतक के दोस्त को ही गिरफ्तार किया है।

सात दिसंबर को हुई थी घटना

कीडगंज एरिया स्थित एडीसी के पास सड़क किनारे खड़ी कार में सात दिसंबर को कॉलेज प्रबंधक अमित सिंह (32) की बॉडी मिली थी। वह अपनी शादी का कार्ड बांटने के लिए घर से निकला था। कार लॉक होने से आशंका जतायी गयी कि उसने खुद आत्महत्या की होगी। लेकिन, परिवार के सदस्य इसे मानने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि अमित की हत्या की गयी है और इसे आत्महत्या साबित करने की साजिश रची गयी है। पुलिस ने घरवालों के आरोप के आधार पर मामला दर्ज किया और छानबीन में जुट गयी।

पुराना दोस्त ही निकला कातिल

छानबीन के दौरान अमित का पुराना दोस्त धर्मेन्द्र कुमार सिंह पुत्र स्व। बेला सिंह निवासी बारामार नीवी थाना औद्योगिक क्षेत्र प्राइम सस्पेक्ट के रूप में सामने आया। पुलिस ने धर्मेन्द्र को गिरफ्तार किया तो चौंकाने वाले राज सामने आए। उसने कबूल किया कि अमित की हत्या की उसने न सिर्फ साजिश रची बल्कि उसे अंजाम तक भी पहुंचाया। इससे ज्यादा चौंकाने वाला रहा मर्डर करने का तरीका। उसने बताया कि जहर को उसने सिरिंज के जरिये अमित की बॉडी में उतार दिया था। इससे पुलिस सहती जांच करती तो असलियत तक कभी न पहुंच पाती।

दलाली के पैसे का भी था विवाद

करछना थाना क्षेत्र के समई गांव निवासी अमित पुत्र स्व। मान सिंह का बाघम्बरी रोड अल्लापुर में भी मकान है। पूरा परिवार शहर में ही रहता है। अमित तीन कॉलेज सावित्री देवी इंटर कॉलेज बाघम्बरी, रामकली इंटर कॉलेज सोमई करछना व जयनारायण पीजी कॉलेज सेहरा का प्रबंधक था। उस पर लक्ष्मी मेहरबान हुई तो बेरोजगार दोस्त धर्मेद्र ने उससे कॉलेज में ही जॉब देने की गुजारिश की। दोस्ती का लिहाज कर अमित ने धर्मेद्र को अपने साथ ही रख लिया। नौकरी नहीं दे पाया। धर्मेन्द्र के अनुसार इस बीच दोनों ने मिलकर जमीन की खरीद फरोख्त में भी हाथ आजमाना शुरू कर दिया। दोनो ने मिलकर एक जमीन की डील फाइनल की। इसमें धर्मेद्र को मुनाफे में हिस्सा मिलना था। सरगम टाकीज तिराहा नैनी से पकड़े गए धर्मेन्द्र ने पुलिस बताया कि नौकरी के लिए उसने अमित को तीन लाख रुपए भी दिये थे। नौकरी तो दूर अमित उसे जमीन बिक्री से हुए मुनाफे का हिस्सा भी नहीं दे रहा था।

15 को थी अमित की शादी

धर्मेन्द्र के अनुसार अमित की नीयत खराब हुई तो उसका दिमाग फिर गया। वे सात दिसंबर को शादी का कार्ड बांटने निकले तो सिरिंज में जहर के साथ ही वह उसके साथ चला था। रास्ते में उसने सिरिंज से जहर जबरन अमित की बॉडी तक पहुंचा दिया। उसकी मौत हो गई तो एडीसी के पास कार खड़ी कर शीशा लॉक कर दिया और चुपचाप चला गया। कार धर्मेद्र ही चला रहा था। पुलिस लाइंस सभागार में पुलिस ने शनिवार को मीडिया को बताया कि 15 दिसंबर को अमित की शादी थी।