अचानक लग गई आग

ट्यूजडे दोपहर साढ़े तीन बजे करकुंज चौराहे के पास डीपीएस की बस जा रही थी, तभी उसने अचानक आग पकड़ ली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही बस में आग लगी ड्राइवर ने खुद को बचाने के लिए छलांग लगा दी। उस समय बस में कोई बच्चा मौजूद नहीं था।

हुई प्रॉब्लम

बस के ड्राइवर नंद राम ने बताया कि उसे सुबह से ही बस में कुछ प्रॉब्लम लग रही थी। हालांकि बस ने सुबह बच्चों को स्कूल के लिए लिया भी है और छुïट्टी के बाद उन्हें उनके घरों मेंं छोड़ा भी है। यह बस होटल क्लार्क शिराज रूट की थी और इसमें लगभग 35 स्टूडेंट्स थे। वहीं, लेकिन स्कूल अथोरिटी का कहना है कि बस में कोई प्रॉब्लम नहीं थी। बस में सुबह के समय गैस भी भरवाई गई थी।

शॉर्ट सर्किट से लगी आग!

स्कूल के ट्रांसपोर्ट मैनेजर मैसी ने बताया कि 'बस बिल्कुल दुरुस्त थी। उसमें किसी भी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं थी। अगर प्रॉब्लम होती तो हम बस को स्कूल से निकलने ही नहीं देते। रूटीन बेसिस पर हमारी बसें चैक होती रहती हैं। हमें जानकारी मिली है कि करकुंज के पास अचानक बस के नीचे से कोई चिंगारी निकली। शायद शॉर्ट सर्किट हुआ। एकदम से बस में आग लग गई.Ó

बस कुछ घंटों का हुआ अंतर

बताया जा रहा है कि बस बच्चों को उनके घरों में छोड़ चुकी थी। शास्त्रीपुरम कैंपस से यह बस दयालबाग कैंपस में पार्किंग में खड़े होने के लिए जा रही थी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर यह हादसा चार घंटे पहले हुआ होता तो क्या होता?

स्कूल और ड्राइवर के बयानों में अंतर

इस हादसे के बाद स्कूल और ड्राइवर के बयानों में अंतर दिखा। जहां ड्राइवर का कहना है कि उसे ट्यूजडे सुबह से ही बस में प्रॉब्लम लग रही थी, लीकेज भी लग रहा था और इस प्रॉब्लम को ठीक कराने के लिए ही वो बस को ट्रांसपोर्ट नगर ले जा रहा था। वहीं, दूसरी तरफ स्कूल के ट्रांसपोर्ट मैनेजर का बयान है कि हमारी बस बिल्कुल ठीक थी। बिना चैकिंग के बसें स्कूल कैंपस से बाहर नहीं निकलती हैं। आग शॉर्ट सर्किट से लगी है।

लोकल किट में ही लगती है आग

स्कूल बसों में सीएनजी किट का सालों से काम देख रहे एक व्यक्ति ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह के हादसे तभी होते हैं जब बस में लोकल सीएनजी किट लगी हो। लोकल किट में ही आग लगने के चांसेज ज्यादा होते हैं। सीएनजी लिक्विड गैस होती है। ज्यादा इनफ्लेमेबिल भी नहीं होती है। इसमें तब तक आग नहीं लग सकती है जब तक यह गैस डायरेक्ट आग के संपर्क में ना आए। बस में अगर लीकेज हो और गैस गर्म साइलेंसर पर डायरेक्ट गिरे तो आग पकडऩे के चांस ज्यादा होते हैं। बस में शॉर्ट सर्किट भी हो सकता है लेकिन तभी जब उसमें लोकट किट लगी हो। इसके अलावा पूरी बस अगर जल जाती है तो बस में जरूर कुछ ना कुछ जलने वाला पदार्थ रखा होगा। जैसे सिलेंडर, पेट्रोल या केरोसिन। बस में आग लगने का एक और कारण होता है कि अगर बस का साइलेंसर किसी तरह लूज होकर सड़क पर घिसटे और उसमें निकली चिंगारी से लिक्विड गैस के संपर्क में आए।

पेरेंट्स को भी रखना होगा ध्यान

बस में आग लगने की सिटी में यह पहली घटना है। लेकिन वैन में इस तरह की कई घटना हो चुकी हैं। इसके लिए पेरेंट्स को अवेयर होना होगा। पेरेंट्स को हर मंथ स्कूल बसों की जानकारी लेनी चाहिए। चैक करना चाहिए कि बस ब्रांडेड है या नहीं। उसमें सिक्योरिटी के क्या इंतजाम हैं। एंट्री और एग्जिट प्रॉपर है या नहीं। बस वाले का नंबर भी पेरेंट्स के पास होना चाहिए। बस अगर लोकल किट पर चल रही होगी तो पेरेंट्स को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

मच गई अफरा-तफरी

जिस समय बस में आग लगी उस समय करकुंज पर भारी ट्रैफिक था। जैसे ही बस जलना शुरू हुई आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग बस से दूर भागने लगे। बस से दूर-दूर होकर सभी व्हीकल्स रूक गए। आसपास के शॉपकीपर्स तुरंत बस के आसपास आ गए। लोगों ने अपने-अपने तरीकों से आग पर काबू पाने की कोशिश की। लेकिन आग इतनी तेजी से फैली कि पूरी बस इसकी चपेट में आ गई।

बहुत देर में पहुंची फायर बिग्रेड

आग लगने की सूचना तुरंत फायर बिग्रेड को दे दी गई थी। आग तीन बजे के आसपास लगी है लेकिन फायर बिग्रेड चार बजे के बाद घटनास्थल पर पहुंची। दो दमकल गाडिय़ों ने आग पर काबू पाया। मौके पर लोकल थाना के इंचार्ज भी पहुंच गए थे।

अंबर बनर्जी, प्रिंसीपल, डीपीएस

हमारी सारी बसें ब्रांडेड हैं। हमारे स्कूल में 66 सीएनजी बसें हैं। सालों से हम इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। आज तक कोई प्रॉब्लम नहीं आई है। हम रेगुलर बेसिस पर इनका चैकअप भी कराते हैं। वेडनसडे को जालंधर से कंपनी के टेक्नीकल इंचार्ज बसों को चैक करने और आग लगी बस की जांच करने आ रहे हैं। वो इंस्पेक्शन करने के बाद बताएंगे कि आग क्यों लगी?