- मेडिकल कॉलेज के एलटी छात्र की सुसाइड पर हंगामा

-कॉलेज प्रशासन ने एलटी के 80 में 34 छात्र किए फेल

-छात्र ने एचओडी से की थी परीक्षा कॉपी की दोबारा जांच की मांग

Meerut। अक्सर विवादों की वजह से चर्चित मेडिकल कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में है। कॉलेज ने एलटी के 80 में से 34 स्टूडेंट्स को फेल कर दिया। जिसमें से एक फेल स्टूडेंट ने शनिवार को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी पर पहुंची कंकरखेड़ा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। स्टूडेंट की मौत पर कॉलेज के अन्य स्टूडेंट्स ने हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने प्राचार्य का घेराव करने हुए मामले में मजिस्ट्रेटी जांच की मांग की।

क्या है मामला

दीपक गौतम पुत्र पीतम गौतम निवासी गांव जिटौली कंकरखेड़ा 2015-16 के लैब टेक्निीशियन का छात्र था। चार दिन पूर्व एग्जाम का रिजल्ट आया इसमें दीपक को फेल दर्शाया गया था। दीपक ने अपनी एचओडी निधि वर्मा से अपनी एग्जाम कॉपी दोबारा जांच कराने की मांग की। लेकिन एचओडी ने उसे डांटकर कार्यालय से बाहर कर दिया था। इसके बाद वह अपने गांव पहुंचा और फोन घर पर रखकर पाबली गांव के पास रेलवे लाइन पर पहुंचा और सामने से आ रही ट्रेन के आगे कूद गया। जिससे कटकर दीपक की मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों को मामले की जानकारी मिली तो कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के भिजवाया।

स्टूडेंट्स ने किया हंगामा

मेडिकल कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन कुमार के नेतृत्व में एलटी के छात्रों ने कार्यवाहक प्राचार्य विनय अग्रवाल का घेराव किया। छात्रों को आरोप था कि एक वर्ष में मात्र कुछ दिन ही लैब टेक्नीशियन की क्लास चली हैं। एग्जाम के दौरान पहले पेपर में ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन की गलती का खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ा। क्योंकि पेपर में द्वितीय पेपर परीक्षार्थियों को वितरित कर दिए गए। छात्रों ने दीपक गौतम की आत्महत्या मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कराने की मांग की है।

लैब्स रही बंद

शनिवार को साथी की आत्महत्या के विरोध में छात्रों ने लैब्स पर कार्य नहीं किया। इसके चलते मेडिकल की तमाम लैब्स व अन्य सुविधाओं से मरीज महरूम रहे।

मैं सरकारी काम से बाहर आया हूं। छात्र की आत्महत्या का मामला मुझे बताया गया है। मामले की जांच कराई जाएगी। यदि विभागीय लापरवाही पाई गई तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-केके गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज