3 हजार शिकायतें आई एबसेंट और फेल होने की सीसीएसयू में
400 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी है इस साल
Meerut. सीसीएसयू के कुछ कर्मचारियों की लापरवाही के चलते स्टूडेट्स के भविष्य से किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका अंदाजा बीते पांच साल की परीक्षाओं में एबसेंट व फेल स्टूडेंट्स के आंकड़ों पर नजर डालने से चल जाएगा. जी हां, यूनिवर्सिटी में डाली गई एक आरटीआई का जवाब आने पर इस लापरवाही का खुलासा हुआ है.
आरटीआई में हुआ खुलासा
दरअसल, आरटीआई के जवाब में ये पता चला कि बीते पांच सालों में तीन हजार ऐसी एप्लीकेशन यूनिवर्सिटी के पास पहुंची हैं, जिनमें स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी के फॉल्ट के चलते एबसेंट, कम नंबर व फेल होने की शिकायत दर्ज कराई है. इतना ही नहीं री-चेकिंग के बाद ऐसे स्टूडेंट्स में से ज्यादातर या तो पास हुए हैं या फिर वो एग्जाम के दौरान उपस्थित थे, लेकिन उन्हें एबसेंट कर दिया गया.
आंसर की में 10 आंसर गलत
जानकारी में डाल दें कि हाल ही में सैकड़ों स्टूडेंट्स ने परीक्षा में यूनिवर्सिटी द्वारा कम नंबर देने की शिकायत करते हुए री-चेकिंग की मांग की थी. स्टूडेंट्स की मांग को देखते हुए जब आंसर की से जब मिलान किया तो उसमें दस सवाल गलत आंसर किए गए थे. इसके बाद जब री-आंसर की जारी की गई तो स्टूडेंट्स के नंबर अधिक मिले.
400 शिकायतें आई
यूनिवर्सिटी में बीते एक साल में ऐसी 400 शिकायतें आई हैं. जिनमें यूनिवर्सिटी के सॉफ्टवेयर के खराबी के चलते पहले जीरो लिखा हुआ आया या फिर फेल या फिर स्टूडेंट को एबसेंट कर दिया गया. वहीं गलत आंसर की जारी करने पर भी इस तरह से स्टूडेंट्स के नंबर कम होते रहे हैं. हालांकि री-आंसर की जारी होने के बाद स्टूडेंट्स के नंबर बढ़ हैं.
बदल दी कंपनी
आरटीआई में ही ये भी सामने आया है कि यूनिवर्सिटी में पहले नोएडा की कंपनी आंसर की जारी करने का काम हैंडल करती थी. हालांकि बाद में ऐसी गलतियों के चलते कंपनी को बदल दिया गया. बावजूद इसके रिजल्ट में एबसेंट, फेल और कम नंबर आने की शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही है.
ये है शिकायतों का आंकड़ा
2019 400
2018 600
2017 300
2016 800
2015 900
200 शिकायतें लंबित
आरटीआई में इस बात का भी खुलासा हुआ कि यूनिवर्सिटी में ऐसी 200 शिकायतें चार-पांच साल से लंबित हैं, जिनका आज तक समाधान नहीं किया गया है. इन शिकायतों में भी स्टूडेंट्स ने रिजल्ट में कम नंबर आने पर कॉपी री-चेकिंग करने के लिए आवेदन किया है.
ऐसी समस्याएं सामने आ रही हैं. मगर जो स्टूडेंट्स समस्याएं लेकर आ रहे हैं उनका अतिशीघ्र समाधान भी किया जा रहा है.
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार सीसीएसयू