गंभीर और विक्षिप्त पेंशनर्स को घर जाकर देखने की व्यवस्था

ALLAHABAD: पेंशनर्स अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र नवंबर में कोषागार में जमा करा सकते हैं। इसके अलावा मानसिक रूप से विक्षिप्त और गंभीर बीमारियों से ग्रसित चलने फिरने में असमर्थ पेंशनर्स को घर जाकर देखने की व्यवस्था भी की गई है। मुख्य कोषागार अधिकारी का कहना है कि पुराने प्रमाणपत्र की अवधि एक वर्ष में समाप्त हो जाती है इसलिए पेंशनर्स को नवंबर माह का समय साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए दिया गया है।

जमा कराने होंगे ये कागजात

पेंशनर्स को अपने जीवित होने का प्रमाण देने के दौरान कई तरह के साक्ष्य भी पेश करने होंगे। इनमें कोषागार द्वारा जारी परिचय पत्र और प्रमाणित फोटोयुक्त पेंशन भुगतान आदेश, बैंक पासबुक (जिसमें प्रबंधक द्वारा प्रमाणित फोटो कॉपी लगी हो), पैनकार्ड की छाया प्रति, आयकर अदायगी/बचत के विवरण शामिल हैं। इसके अलावा जीवित होने के आवेदन फार्म में फोटो लगाने के लिए फोटोग्राफ की एक प्रति लाना जरूरी है। मुख्य कोषाधिकारी अवनीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि 25 वर्ष की आयु तक पेंशन पाने वाले पुत्र व पुत्रियों तथा अविवाहित, तलाकशुदा, विधवा पुत्रियों के मामलों में तहसीलदार द्वारा निर्गत आय प्रमाणपत्र होने के साथ बेरोजगार का शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना जरूरी होगा।

ऑप्शन भी है मौजूद

पेंशनर्स उप्र में स्थित उस बैंक के शाखा प्रबंधक को भी जीवित प्रमाण पत्र दे सकते हैं, जिसमें उनका पेंशन खाता है। प्रदेश के बाहर निवास करने वाले पेंशनर्स अपने रहने के स्थान पर स्थित बैंक (जिसमें उनका खाता हो) के शाखा प्रबंधक से प्रमाणित कराकर कोषागार को उपलब्ध करा सकते हैं। विदेश में रहने वाले भारतीय दूतावास के माध्यम से कोषागार को जीवित प्रमाण पत्र उपलब्ध करा सकते हैं।