भटके बच्चों को रास्ते पर लाने की कोशिश कर रही थी संस्था, पब्लिक ने बोला हमला

20 बच्चों को पुलिस ने भेजवाया बाल सुधार गृह

ALLAHABAD: नेक काम के बदले में बुराई मिलना। शनिवार को एक स्वयं सेवी संस्था के साथ यही हुआ। नशे की लत में फंसकर गलत रास्ते पर चल रहे बच्चों को मुक्त कराने के लिए पहुंचे संस्था के सदस्यों के साथ धूमनगंज में स्थानीय लोगों ने जमकर मारपीट की। सूचना पर पुलिस भी पहुंची। इसके बाद बीस बच्चों को नशाखोरी से मुक्त कराने के लिए पकड़ा गया। फिलहाल सभी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।

नशा मुक्त करने का लक्ष्य

स्वयं सेवी संस्था साथी मासिक नशा मुक्ति शिविर चलाती है। संस्था ऐसे बच्चों को लाती है जो नशे के चंगुल में फंस गए हैं। शिविर के माध्यम से नशा छुड़ाने का कार्य किया जाता है। शनिवार को शिविर के शामिल बच्चों के जोर-जोर चिल्लाने की आवाज आने लगी तो आसपास रहने वाले लोग लाठी डंडा लेकर शिविर में घुस आए। इस पर संस्था के लोगों ने विरोध किया और भीतर आने का कारण पूछा तो भिडंत की नौबत आ गई। इस दौरान पब्लिक के बीच से कुछ लोगों ने संस्था के लोगों पर हाथ छोड़ दिया। इसके बाद विवाद बढ़ गया। पब्लिक ने पुलिस को सूचना दी कि कुछ लोग मासूम बच्चों को बंधक बनाकर उनके साथ बदसलूकी कर रहे हैं। इस पर पुलिस हरकत में आ गई।

सीओ के साथ पहुंचे डीपीओ

बच्चों को बंधक बनाने की जानकारी होते ही सीओ सिविल लाइंस आलोक मिश्रा धूमनगंज थाने की पुलिस को लेकर मौके पर पहुंच गए। मामला बच्चों और स्वयं सेवी संस्था से जुड़ा होने के कारण इसकी सूचना डीपीओ पंकज मिश्रा को भी दे दी गई। कुछ ही देर में वह भी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों की पूछताछ में संस्था के लोगों ने बताया कि वह बाल कल्याण समिति के माध्यम से बेसहारा, घर से भागे एवं नशा करने वाले बच्चों को शिविर के माध्यम से नशा से मुक्त कराते हैं। समिति ने ऐसे चौबीस बच्चों को स्टेशन, प्लेटफार्म व रोडवेज समेत अन्य स्थानों से पकड़ा है और अपने शिविर के माध्यम से प्रतिदिन ध्यान, योगा, शैक्षिक गतिविधियों, मनोरंजन के जरिए सही रास्ते पर लाने का प्रयास करती है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पुलिस बच्चों सिविल लाइंस थाने ले आई और फिर जिला प्रोवेशन अधिकारी के निर्देश पर सभी को राजरुपुर स्थित बाल सुधार गृह भेजवा दिया।

इन्हें भेजा गया सुधार गृह

राज पुत्र राकेश, वाराणसी

रवि कुमार पुत्र संतोष, सोरांव

विकास पुत्र बंगाली, कौशांबी

मनीष कपडि़या, बांदा

सलमान मोहम्मद, बिहार

नसीम, इलाहाबाद

आशीष, बांदा

सुनील कुमार, कौशांबी

गौरव, भारतपुर

अंकित कुमार, बांदा

मो रशीद, लखनऊ

संतोष मौर्या, महाराष्ट्र

रवि मेघराज, शोलापुर

विशाल, देहरादून

नागराज नायक, कर्नाटक

दिलीप कुमार, रायबरेली

कार्तिक सरन, वेस्ट बंगाल

मो असगर अली, बिहार

समीर, झारखंड

धीरज जोधे, कौशांबी

सभी बच्चों को पुलिस के संरक्षण में बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। संस्था को निर्देशित किया गया है कि वह अपने कार्यक्रम शहर के बीचों बीच संचालित करे।

पंकज मिश्रा,

जिला प्रोबेशन अधिकारी