-मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर आने और जाने तक फारेस्ट ऑफिसर, डब्ल्यूटीआई और पुलिस टीम गंगा बैराज शुक्लागंज रोड पर डटी रही

KANPUR: एक तरफ गंगा बैराज के कटरी में इलाके में छिपा बाघ और दूसरी तरफ सीएम का प्रोग्राम। इसके बीच में दीवार बनकर डब्ल्यूटीआई, फारेस्ट डिपार्टमेंट की टीम और पुलिस कर्मी दीवार बनकर खड़े रहे। बाघ की टेरीटरी वाले एरिया से कुछ दूर ही सीएम का प्रोग्राम होने के कारण वे काम्बिंग को भूल गए। सभी क्क् टीमों को हाथियों, गाडि़यों सहित वहीं बुला लिया गया। इस ज्वाइंट टीम के ऑफिसर्स को तभी सुकून मिला जब चीफ मिनिस्टर ट्रांस गंगा सिटी का शिलान्यास करके चले गए। इसके बाद ही ज्वाइंट टीम ने सघन काम्बिंग अभियान शुरू किया।

सुबह काम्बिंग करना भूले

करीब दो महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक फॉरेस्ट, डब्ल्यूटीआई की टीम बाघ को पकड़ने में नाकाम रही है। इन डिपार्टमेंट्स की करीब क्क् टीमें गंगा कटरी और आसपास के इलाकों में काम्बिंग कर रही है। बाघ के अभी भी नत्थापुरवा के निचले एरिया और सन्नी के मौजा के जंगलों में छिपे होने का वे अनुमान लगा रहे हैं।

एहतियात के तौर पर पूरी तैयारी

थर्सडे को क्क् बजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथों गंगा बैराज से शुक्लागंज कानपुर रोड के किनारे बसने वाली ट्रांस गंगा हाईटेक सिटी का शिलान्यास किया जाना था। ये शिलान्यास कार्यक्रम कन्हवापुरवा और लक्ष्मीखेड़ा में हुआ। जबकि कार्यक्रम स्थल के दूसरी तरफ गंगा कटरी की तरफ बाघ की मौजूदगी के दावे किए जा रहे थे। इसी वजह से फॉरेस्ट, वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट्स की सभी क्क् टीमें बुला ली गई। लखनऊ जू के डिप्टी डायरेक्टर डॉ। उत्कर्ष शुक्ला, फॉरेस्ट रेंजर आफताब अली, डब्ल्यूटीआई के जीव वैज्ञानिक डीएस चौहान, उन्नाव के फॉरेस्ट रेंजर राजीव मिश्रा की अगुवाई में टीम महावत इदरीश, कमाल शेख के साथ गंगा बैराज-शुक्लागंज रोड पर दीवार बनकर खड़ी हो गई। हालांकि रोड पर जगह-जगह पुलिसकर्मी भी लगाए गए थे। ताकि बाघ रोड क्रास करके न जा पाएं।

कार्यक्रम स्थल पर बुलाए गए डिप्टी डायरेक्टर

मुख्यमंत्री करीब एक घंटे देरी से क्ख् बजे के लगभग शिलान्यास स्थल पर पहुंचे। लगभग क्.फ्0 बजे वह लखनऊ के लिए रवाना हुए। हालांकि बाघ को पकड़ने वाली ज्वाइंट टीम की अगुवाई कर रहे लखनऊ जू के डिप्टी डायरेक्टर डा। उत्कर्ष शुक्ला को कार्यक्रम स्थल पर बुला लिया गया था, जिससे कि अगर मुख्यमंत्री बाघ के विषय में या अन्य शासन के ऑफिसर कुछ पूछे तो उन्हें सही स्थिति बताई जा सके।

नहीं मिली कामयाबी

मुख्यमंत्री के जाने के बाद ज्वाइंट टीम ने नत्थापुरवा, सन्नी के मौजा के जंगलों, चम्पापुरवा, पहाड़ीपुर, लुधवा खेड़ा, बड़ा मंगलपुर, शंकरपुर के जंगल में दोनों हाथियों के साथ शाम तक काम्बिंग की, लेकिन उनके हाथ सफलता नहीं लगी, बाघ के फुट प्रिंट भी नहीं मिल सके। हालांकि ऑफिसर्स नत्थापुरवा के निचले एरिया में बाघ के होने के आसार जता रहे हैं। शायद यही वजह है कि उन्होंने , कटरी के जंगलों नत्थापुरवा और सन्नी के मौजा के जंगलों में पिंजरा लगाया है। दो पड़वे भी बांधे हैं। फ्राईडे को ज्वाइंट टीम ने गंगा कटरी के पानी के बीच जाने की तैयारी की। वहीं डब्ल्यूटीआई के चीफ डॉ। सौरभ सिंघई के भी सुबह तक आ जाने की संभावना है।