पांव छूने की लगी होड़

जब बीएसपी सुप्रीमों स्टेज पर पहुंची तो मंच पर मौजूद दोनों प्रत्याशियों के अलावा नेताओं में पार्टी अध्यक्ष के पांव छूने वालों की होड़ दिखाई दी। एक दो लोगों छोड़ सभी ने मायावती के पांव छुए।

झलक पाने को बेताब

वहीं सामने बैठे समर्थकों ने भी काफी हल्ला किया। अपने नेता की झलक पाने को समर्थकों के बीच आपस में हाथापाई हुई। शाहिद अखलाक ने इशारों से शांत रहने और व्यवस्था बनाए रखने को कहा।

खंभों पर भी चढ़े लोग

कई युवा ऐसे भी थे जो मायावती को भाषण सुनने उनकी एक झलक को देखने के लिए टैंट के खंबो पर चढ़ गए, जिन्हें उतारने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई। अगर किसी को कुछ हो जाता तो इस बात की कौन जिम्मेदारी लेता? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं था।

मोदी पर ली चुटकी

मायावती के आने से पहले मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार शाहीद अखलाक ने कहा कि अगर मोदी की आंधी सिर्फ टीवी तक है। सच्चाई कुछ और ही है। योगेश वर्मा ने कहा कि अगर यूपी की तरह पूरे देश में अमन और शांति लानी है तो बहन मायावती को सत्ता में लाना काफी जरूरी है।

पब्लिक हुई हलकान

हापुड़ रोड पर इस चुनावी रैली के कारण ट्रैफिक जाम रहा। हजारों लोगों ने अपनी गाडि़यों को सड़क के किनारे ही खड़ा कर दिया। जिससे हाईवे के दोनों ओर काफी जबरदस्त जाम लग गया। इस जाम के कारण लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। जाम में फंसी पब्लिक ने नेताओं को खूब कोसा।

बेचैन क्यों थे अखलाक?

मंच पर जब तक मायावती नहीं पहुंचीं, शाहिद अखलाक काफी बैचेन दिखे। ये बेचैनी मुस्लिम समुदाय से आए लोगों संख्या को देखकर थी। रैली में एक लाख लोगों के आने की उम्मीद थी, जिनमें आधे दलित और आधे मुस्लिम लोगों के आने का अनुमान था। मगर भीड़ में मुस्लिम 10-15 हजार ही था।

खेत भी हुए बर्बाद

इस रैली से जहां लोगों को ट्रैफिक जाम से तो जूझना पड़ा ही साथ अन्न भी काफी बर्बाद हो गया। रैली स्थल के पास काफी गेंहू के खेत भी। जो भीड़ के पांव के नीचे आने से पूरे बर्बाद हो गए। पार्टी वालों ने पब्लिक के लिए बाहर निकलने का ठीक से इंतजाम नहीं किया।