वीजा अवधि बढ़ाने की पहल
खबरों के मुताबिक, शनिवार को राजनाथ और तसलीमा के बीच नयी दिल्ली में मुलाकात हुई. इस मुलाकात में तसलीमा द्वारा भेंट की गई पुस्तक 'वो अंधेरे दिन' को लेकर राजनाथ ने कहा कि,'अब आपके अंधेरे दिन दूर हो जायेंगे. गौरतलब है कि सरकार ने तसलीमा को एक साल का वीजा देने से इनकार करते हुये सिर्फ 2 महीने का टूरिस्ट वीजा दिया. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक करीब 20 मिनट तक चली इस बैठक में तसलीमा ने गृह मंत्री से उन्हें अधिक अवधि तक इंडिया में रुकने की अनुमति देने का आग्रह किया.

आखिर क्यों रहना पड़ा बाहर
आपको बता दें कि 51 साल की लेखिका तसलीमा ने निवास संबंधी वीजा के लिये आवेदन किया था और गृह मंत्रालय ने उन्हें केवल 2 माह का टूरिज्म वीजा दिया है. जिसकी शुरूआत 1 अगस्त से होती है. बैठक के बाद तसलीमा ने ट्वीट किया कि,'मैंने माननीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से आज दोपहर मुलाकात की. उन्हें अपनी पुस्तक 'वो अंधेरे दिन' दी. इसके बाद उन्होंने कहा कि आपके अंधेरे दिन खत्म हो जायेंगे.' सरकार ने तसलीमा के वीजा आवेदन की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि उनके लंबी अवधि के वीजा के आवेदन पर निर्णय लंबित रखा है. गौरतलब है कि मुस्लिम कट्टरपंथी समूहों की ओर से जान से मारने की धमकी के मद्देनजर बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका 1994 के बाद से स्वनिर्वासन में हैं. तसलीमा अब स्वीडन की नागरिक हैं और उन्हें 2004 के बाद से लगातार भारतीय वीजा मिल रहा है. पिछले दो दशकों में उन्होंने अमेरिका, यूरोप और इंडिया में समय गुजारा है. कई अवसरों पर उन्होंने स्थायी तौर पर इंडिया में कोलकाता शहर में बसने की इच्छा व्यक्त की है.   

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