- पदों के लिए मिलती है सरकार से करोड़ो रुपये की ग्रांट

- 700 एलटी गे्रड टीचर्स व 196 प्रवक्ताओं के पद खाली

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Meerut : चार साल बीत गए, लेकिन यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से एक भी नियुक्ति नहीं की जा सकी है। ये हालात तब हैं, जबकि कर्मचारियों को हर महीने इसी काम के लिए लाखों रुपए वेतन सरकार की ओर से दिया जा रहा है। अभ्यर्थियों की नाराजगी इससे है कि बोर्ड हर साल नई भर्तियों के लिए आने वाले आवेदन का शुल्क तो बढ़ाता जा रहा है, लेकिन अंतिम नतीजा सिफर है। ख्0क्क् के आवेदक अब भी भर्तियों का इंतजार कर रहे हैं।

प्रिंसिपल की भर्ती

ख्0क्क् में इंटर कॉलेजों के लिए प्रिंसिपल की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। ख्0क्फ् तक इस पर विवाद रहा। ख्0क्ब् में डॉ। आशाराम यादव ने इसे दोबारा शुरू किया, लेकिन बिना एडमिट कार्ड के इंटरव्यू लेने पर फिर विवाद हो गया। प्रमुख सचिव के हस्तक्षेप के बाद डॉ। आशाराम को हटा दिया गया। ख्0क्क् में बारह सौ से अधिक टीचर्स की भर्ती हुई, लेकिन सदस्यों का कोरम पूरा न होने के कारण इस पर रोक लगा दी गई। ख्0क्फ् में 7क्ब्भ् टीजीटी पीजीटी की भर्ती के आवेदन मांगे गए, लेकिन यह भी ठंडे बस्ते में चली गई।

हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला

बोर्ड की कई भर्तियों का मामला हाई कोर्ट भी पहुंचा। ख्0क्फ् में इसे दोबारा शुरू किया गया, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। ख्0क्ब् में शुरू की गई प्रिंसिपल भर्ती प्रक्रिया को डॉ। परशुराम पाल को हटने के बाद रोक दिया गया था। अब अनीता यादव कार्यवाहक का पद संभालने के बाद इंटरव्यू दोबारा शुरू करने की डेट घोषित की गई है। उनके मुताबिक जून तक रिजल्ट आ जाएगा।

यह है जिम्मेदारी

-टीचर और प्रिंसिपल को भर्ती के लिए गाइडलाइन तय करना।

- टीचर-प्रिंसिपल भर्ती के लिए परीक्षा और इंटरव्यू का आयोजन।

- टीचर्स की प्रोन्नति और बर्खास्तगी को लेकर स्कूल प्रबंधन को सलाह।

आ रही हैं शिकायतें

इंटर कॉलेजों में टीचर्स के लिए हुई प्रवेश परीक्षा की आंसर की दोबारा जारी होते ही शिकायतें आने लगी हैं। खासकर हिंदी में काफी अभ्यर्थियों ने शिकायतें की है कि कई उत्तर गलत डाले गए हैं। सहायक अध्यापक और प्रवक्ता पद के लिए हुई इन परीक्षओं में गलत पर्चा छपने और उसके बाद आंसर की गलत डालने का विवाद बढ़ने पर ही पिछले अध्यक्ष को हटाना पड़ा था। हालांकि चयन बोर्ड का मानना है कि इसबार विश्वविद्यालयों के एक्सपर्ट से जांच कराके संशोधित आंसर की जारी की गई है। अब इसमें बदलाव नहीं होगा। जून तक रिजल्ट घोषित हो सकता है। इंटर कॉलेजों में टीचर्स की भर्ती के लिए टीजीटी-पीजीटी प्रवेश परीक्षा ख्भ् जनवरी से ख्फ् फरवरी तक हुई थी।

चार साल से पद रिक्त

जहां पूरे यूपी में ही टीजीटी-पीजीटी और प्रिंसिपल्स के पद हजारों पद खाली हैं। वहीं अगर हम मेरठ की बात करें तो मेरठ में हाईस्कूल व इंटर के लिए स्कूलों में क्फ्ख् पदों में से 9ब् पद पर प्रिंसिपल कार्यरत हैं और फ्8 पद खाली हैं। प्रवक्ता पद पर आयोग की तरफ से 79म् पदों की स्वीकृति थी। लेकिन इनमें से म्00 पद कार्यरत हैं और बाकी क्9म् पद रिक्त हैं। अगर हम एलटी गे्रड टीचर्स की बात करें तो मेरठ में ख्00भ् पदों की स्वीकृति हुई थी। जिनमें से क्ख्90 पद कार्यरत हैं और 7क्भ् पद पूरे चार सालों से खाली है। अगर हम बात करें फोर्थ क्लास कर्मचारियों की करें तो उनके पदों की भी सैकड़ों सीट खाली है। यानि मेरठ में नौ सौ से भी अधिक पद चार सालों से यूं ही खाली है। जानकारी के लिए बता दें कि इन पदों के लिए सरकार की तरफ से एक मंथ के क्फ् करोड़ रुपए का ग्रांट भी आता है।

खाली है चयन बोर्ड अध्यक्ष पद भी

ख्0क्क्- आरपी वर्मा, इस्तीफा

ख्0क्ख्- धनंजय गुप्ता, कार्यवाहक

ख्0क्फ्- देवकी नंदन शर्मा, मौत

ख्0क्फ् डॉ। आशाराम, हटाए गए

ख्0क्ब्- पशुराम पाल , पद छोड़ा

ख्0क्भ्- अनीता यादव, कार्यवाहक

सेलरी

अध्यक्ष पद - सवा लाख

सचिव पद- एक लाख

उपसचिव पद- 80 हजार रुपए

सदस्य छह पद- एक लाख क्भ् हजार रुपए

सभी रिक्त पदों के लिए पर मंथ ग्रांट - क्फ् करोड़

आयोग ने मांगी है सूचना

सूत्रों की मानें तो इन खाली पदों के लिए जेडी कार्यालय पर जानकारी के लिए फोन पहुंचा है। जिसके तहत प्रिंसिपल, प्रवक्ता व एलटी ग्रेड के जो भी नियुक्त पद है, उनकी सूचना उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बोला गया है। आयोग ने यह सूची जनपद नाम, संस्था, रिक्त की दिनांक, वर्ग, आरक्षण सहित पूरी सूचना मांगी है। आयोग से यह भी कहा गया है कि क्9 मई तक पूरी सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है। सूत्रों की मानें तो विभाग अगर यह सूची क्9 मई तक नहीं उपलब्ध कराता है, उसके लिए विभाग को ही जवाबदेही देनी होगी।

विभाग से आयोग द्वारा जो भी सूची मांगी गई है, उसको तैयार कर जल्द से जल्द भेजा जाएगा। इसमें बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी।

-डॉ। महेंद्र कुमार, जेडी