- दून निवासी रवीन्द्र जुगरान द्वारा की गई थी याचिका दायर

- हाईकोर्ट ने माना किसी अन्य के दबाव में दायर की गई है याचिका

- आधारहीन बताते हुए याचिका की खारिज

HARIDWAR: हाईकोर्ट ने डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ दायर जनहित याचिका को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना है कि जनहित याचिका याची द्वारा किसी अन्य के दबाव में दायर की गई है। कोर्ट के इस फैसले से डीजीपी को बड़ी राहत मिली है।

डीजीपी को पद से हटाने की की थी मांग

देहरादून निवासी रवींद्र जुगरान ने जनहित याचिका दायर कर डीजीपी की नियुक्ति को चुनौती देने के साथ ही उन पर रसूख का इस्तेमाल करते हुए वन भूमि पर अतिक्रमण व हरे पेड़ काटने का आरोप लगाया था। याचिका में डीजीपी पर पद का दुरुपयोग करने व अनेक आपराधिक मामलों की जांच प्रभावित करने की आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की थी, साथ ही पूरे मामले की सीबीआई अथवा एसआईटी से जांच का आग्रह किया गया था। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोजफ व न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ के समक्ष जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से महाधिवक्ता यूके उनियाल ने दलील दी कि डीजीपी की नियुक्ति नियमानुसार की गई है। यह भी कहा कि किसी पुलिसकर्मी के दबाव में याचिका दायर की गई है, जिसके बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।