ट्रैक्टर एजेंसी मालिक की हत्या में विवेचक के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश

ALAHABAD: विवेचक की लापरवाही से सरेशाम की गयी हत्या के आरोपी की जमानत अर्जी कोर्ट को मंजूर करनी पड़ी। कोर्ट ने अपने आदेश में उल्लिखित किया कि मामले के विवेचक दारोगा लाल जी सरोज ने अभियुक्त को लाभ पहुंचाने की नीयत से कार्यवाही की। कोर्ट ने विवेचक के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक सीबीसीआईडी खंड लखनऊ को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का आदेश दिया है।

मामला फूलपुर थाना क्षेत्र का है। दो अक्टूबर 2015 को शाम पौने छह बजे जान डियर ट्रैक्टर एजेंसी के मालिक सुरेश शुक्ला की गोली मारकर हत्या की गई। मामले में कुलदीप शुक्ला, अनिरूद्ध पाण्डेय, प्रेम शंकर शुक्ला, पूरन चन्द्र तिवारी व तीन अन्य के विरूद्ध नामजद एफआईआर की गई। अभियुक्त कुलदीप शुक्ला की गिरफ्तारी के बाद 27 अप्रैल 2016 को जेल भेज दिया गया। तब से वह जेल में बंद है। 93 दिन बीतने के बाद अभियुक्त कुलदीप शुक्ला की ओर से तर्क रखा गया कि आजीवन कारावास या दस वर्ष से कम अवधि के लिए अभियुक्त को 90 दिन से ज्यादा रिमांड तिथि कोर्ट नहीं बढ़ा सकती, इसके समर्थन में उच्चतम न्यायालय की तिथि व्यवस्था भी पेश की गई। इस बीच विवेचक ने आरोप पत्र अथवा फाइनल रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं की। कोर्ट ने विवेचक को चेतावनी भी दी, मगर सब बेअसर रहा। वादी के अधिवक्ता प्रमोद त्रिपाठी द्वारा पेश तर्क भी विधि व्यवस्था के आगे बेअसर रहा। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने मामले की सुनवाई करते हुए, आदेश दिया कि अभियुक्त द्वारा दो लाख रुपए की दो जमानत व इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत मुचलका देने पर रिहा किया जाए।

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दिग्गजों की सिफारिश केस दर्ज

थाना कीडगंज की पुलिस के रोब के आगे सरकार व पुलिस का बचाव करने वाले सरकारी वकील रह चुके राजेन्द्र नाथ मिश्र बौने पड़ गए। उन्हें अपनी एफआईआर दर्ज कराने के लिए इलाहाबाद जिले के दिग्गजों की मदद लेनी पड़ी, तब कीडगंज पुलिस ने इनकी रपट दर्ज की। इन्हें 17 जुलाई को इनके भाई व भयाहू ने मारने पीटने के बाद कहा कि मुकदमा वापस लो, नहीं तो जान से मार देंगे। किसी जमाने में ये कोर्ट में पुलिस की मदद करते थे, अब इन्हें अपनी जान के लाले पड़े हैं।