दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एक्सक्लूसिव - कानपुर के शमशान घाटों में लगाई जाएगी नई शवदाह प्रणाली, विधि विधान के साथ ही होगा शव का दाह - शव को जलाने में लकड़ी का इस्तेमाल होगा 70 परसेंट कम, शासन से नगर निगम को दिए गए निर्देश - रिटायर्ड इंजीनियर्स ने डेवलप की प्रणाली, एक यूनिट में आएगा 50 लाख का खर्च, ओएनजीसी करेगी वहन kanpur@inext.co.in KANPUR : हिंदू संस्कृति में क्म् संस्कारों की मान्यता है। अंतिम संस्कार सबसे आखिरी है। शहर में भी पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है। बदलते युग में अब संस्कार में थोड़ा बदलाव लाने की कवायद को शासन स्तर पर शुरू किया गया है। पर्यावरण और गंगा को स्वच्छ व साफ करने के लिए यह जरूरी हो गया है कि शवदाह के दौरान लकड़ी के इस्तेमाल को कम किया जाए। इसके लिए एक ऐसा क्रिमिनेशन सिस्टम डेवलप किया गया है, जिसमें संस्कारों के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया गया है। इस मोक्षदा ग्रीन क्रिमिनेशन सिस्टम को गंगा किनारे स्थित घाटों में लगाने की कवायद को शुरू कर दिया गया है। 70 परसेंट तक लकड़ी का कम यूज शवदाह के दौरान अमूमन ब्00 से म्00 किलो लकड़ी का यूज होता है। जबकि मोक्षदा ग्रीन क्रिमिनेशन सिस्टम के इस्तेमाल के बाद लकड़ी का यूज महज 80 से क्00 किलो के बीच रह जाएगा। इससे पर्यावरण और गंगा दोनों को ही प्रदूषण से बचाने में मदद मिलेगी। साथ ही पेड़ों की कटाई भी कम हो जाएगी। इन फायदों को देखते हुए शासन ने इस सिस्टम के यूज पर अपनी मोहर लगा दी है। इस कार्य में ओएनजीसी, एनबीसीसी और आईआरसीओएन जैसी कंपनियां अपना सहयोग दे रही हैं। गंगा किनारे के शहरों में इसे लगाने के लिए यही कंपनियां पूरा खर्च वहन करेंगी। नगर निगम को सिर्फ स्थान उपलब्ध कराना है। ----------------- इस प्रकार कार्य करती है प्रणाली इस प्रणाली की एक यूनिट लगाने के लिए क्भ्00 स्क्वायर मीटर जगह की जरूरत होती है। सिस्टम को लगाने में टोटल क्0 टन स्टेनलेस स्टील का प्रयोग किया जाता है। इसमें उस स्टील का यूज किया जाता है, जो आग के संपर्क में आने के बाद भी गर्म नहीं होती है। इसमें एक बड़ी चिमनी भी लगी होती है। इसमें प्रॉपर एंड कंट्रोल अमाउंट ऑफ एयर को बैलेंस किया जाता है, जिससे लकड़ी पूरी मात्रा में जलती है और मृत शरीर को राख में तब्दील कर देती है। इसमें हीट वेस्टेज को रोका जाता है। ----------------- कुंभ से पहले लगाई जानी हैं प्रोजेक्ट डायरेक्टर, यूपीएसपीएमजी व प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह के निर्देश पर स्टेट के क्ख् शहरों को यह आदेश जारी किया गया है कि इस प्रणाली को लगाने के लिए सर्वे किया जाए और लोगों को जागरुक भी किया जाए। यह दिल्ली सहित कई अन्य शहरों में कार्य कर रही है। इसे यूपी में ख्0क्9 में होने वाले कुंभ से पहले स्थापित किया जाना है। ------------------ आंकड़े -क्0 टन स्टील एक यूनिट में लगाने में लगता है। -भ्0 लाख का खर्च आता है एक यूनिट लगाने में। -80 से क्00 किलो तक खर्च होती है लकड़ी इस प्रणाली में। -ब्00 से म्00 किलो तक अभी शव जलाने में होता है लकड़ी का यूज। -क्भ्0 स्क्वॉयर मीटर में लगाई जाती है एक यूनिट। -ख्भ् साल से कार्य कर रही है यह संस्था। -ब्0 रिटायर्ड इंजीनियर्स ने इसे किया है डेवलप। -क्भ्0 यूनिट पहले चरण में ओएनजीसी लगाएगी। ----------------- इस कार्य में सरकार का भरपूर सहयोग मिल रहा है। प्रदेश के फ्म् शहरों में इसे लगाने के लिए सर्वे किया गया है। प्रदेश में ख्0क्9 में होने वाले कुंभ से पहले इसे स्थापित किया जाना है। -विनोद कुमार अग्रवाल, फाउंडर, मोक्षदा पर्यावरण एवं वन्य सुरक्षा समिति ---------------- शासन से पत्र प्राप्त हुआ है। इसको स्थापित करने के लिए प्रयास शुरू किए गए हैं, जल्द ही इस पर बैठक कर कार्य को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। -अविनाश सिंह, प्रशासक, नगर निगम।