अभी तक सिटी से बाहर शिफ्ट नहीं हुए डेयरी उद्योग

- डेयरी के पशु दिन भर लगाए रहते हैं यमुना में डुबकी

- प्रशासन के जिम्मेदार अफसर रोक पाने में हैं असफल

आगरा। जीवनदायिनी यमुना का जीवन खुद सिटी के लोग छीन रहे हैं। अपने मुनाफे के लिए डेयरी उद्योग से जुड़े लोग पशुओं को यमुना में बेखौफ खुला छोड़ देते हैं। इस पर कोई बंदिश नहीं है। रिजल्ट ये है कि दिन भर पशु यमुना जी को पॉल्युट करते हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी है कि डेयरी उद्योग चलाने वाले खुद ही पशुओं को पानी की पूर्ति कराएं।

खुलेआम छोड़े जाते हैं पशु

यमुना में पॉल्युशन कोई ऐसे ही नहीं बढ़ रहा है। जानवरों को खुलेआम यमुना में छोड़ दिया जाता है। दिन भर जानवर यमुना में डुबकी लगाए बैठे रहते हैं। गर्मी के सीजन में तो सुबह से लेकर शाम तक पशुओं की डेरेबंदी यमुना में रहती है। चारागाह और पशुपालन से जुडे़ लोग पशुओं को यमुना में छोड़कर दिन भर एक किनारे बैठे रहते हैं।

आगराइट्स करते रहे हैं विरोध

यमुना में पशुओं को घुसने से रोकने का विरोध आगराइट्स पूर्व से ही करते रहे हैं। यहां तक कि आगरा राइजिंग द्वारा भी समय-समय पर पशु पालने वालों को जागरूक करने का काम करते हुए पशुओं को यमुना से बाहर निकालने का काम किया जाता है। इसके बाद भी नतीजा सिफर ही रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर हवा में

सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिसंबर 1996 को ऑर्डर किया था कि यमुना को साफ रखने के लिए सिटी से बाहर डेयरी उद्योग डेवलप किया जाए। इससे गाय, भैंस, बकरी के दूध का उत्पादन बढ़ेगा और साथ में डेयरी पर पानी के सेल्फ इंतजाम से पशुओं को यमुना में जाने से रोका जा सकेगा। इससे यमुना का पानी दूषित नहीं होगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का यह ऑर्डर 18 वर्ष बाद भी प्रभावी होता नहीं दिख रहा है। इसे इफेक्टेड कराने वाले जिम्मेदार अफसर भी इसके प्रति कन्नी काटते दिखाई देते हैं। फिर भी अब तक सिटी में घूमने वाले पशुओं को दूर शिफ्ट नहीं किया जा सका है।

नगर विकास मंत्री का ऑर्डर भी ठेंगे पर

सिटी के साथ-साथ यमुना को साफ रखने के लिए नगर विकास मंत्री आजम खां द्वारा भी 10 अगस्त 2013 को नगर आयुक्त को पत्र लिखा गया था। इसके बाद भी आज तक नगर विकास मंत्री के ऑर्डर का पालन नहीं कराया जा सका।

डेयरी उद्योग के लिए चयनित गांव

- दिल्ली रोड पर किरावली तहसील में लोह करेरा गांव

- ग्वालियर रोड पर सदर आगरा स्थित बाद गांव

- अलीगढ़ रोड स्थित उजरई गांव

- एत्मादपुर तहसील का भागूपुर गांव

यमुना की दयनीय स्थिति को देखकर आंखें नम होने लगती हैं। जिसे हम यमुना मां कहते हैं आज उसी की दुर्दशा हो रही है। यमुना में जाने वाले पशुओं को रोकने की आवश्यकता है।

मनीष गर्ग, आगराइट्स

सिटी में डेयरी चलाने वालों को सिटी से बाहर किया जाना चाहिए ताकि यमुना में बचे हुए पानी को आगे आने वाले समय के लिए बचाया जा सके।

संध्या देवी, आगराइट्स

यमुना सफाई के नाम पर आज तक किए गए प्रयास सक्सेस नहीं रहे हैं। केवल कागजी कार्रवाही करके धन का दुरुपयोग किया गया है।

सतीश कुमार, आगराइट्स

आज हर रोज भारी तादाद में पशु यमुना में प्रवेश करते हैं। जिन्हें प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नहीं रोका जाता है। पशु यदि यमुना में जाता है तो इसके लिए डेयरी चलाने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए।

श्रीचन्द्र रंगलोनी आगराइट्स

नगर विकास मंत्री का पत्र मेरे समय में नहीं आया है। यमुना का स्थिति दयनीय है। यमुना को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और आगे भी किए जाएंगे।

इन्द्र विक्रम सिंह, नगर आयुक्त