सुंदरकांड के साथ किया महायज्ञ


मंडे को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर टीजीटी पीजीटी 2009 और 2010 में चयनित शिक्षकों ने समायोजन की कोई उम्मीद न देखकर एलनगंज परिसर में महायज्ञ और सुंदरकांड का आयोजन किया। जिसमें बड़ी संख्या में बेरोजगारों की भीड़ इकट्ठा हुई। इसमें मौजूद शुभम वर्मा, रामसागर वर्मा, सुनील संतोष आदि ने कहा कि अगर उनकी प्राब्लम्स का जल्द कोई सैल्युशन नहीं निकला तो हार्ड स्टेप उठाने को बाध्य होंगे।

शिक्षामित्रों ने कर दी strike


वहीं प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत एक लाख बहत्तर हजार शिक्षामित्रों ने भी खुद के समायोजन और मानदेय बढ़ाए जाने की डिमांड को लेकर ट्यूजडे को पूरे स्टेट के स्कूल्स में स्ट्राइक की। जिसकी गूंज लखनऊ तक सुनाई पड़ी और गवर्नमेंट की भी इसपर पूरी नजर बनी रही। शिक्षक संघ के लीडर्स ने लखनऊ में बैठे आलाकमान तक अपनी बात पहुंचा दी है। बता दें कि शिक्षामित्रों की मुख्य मांगों में बगैर टीईटी एग्जाम के समायोजन किया जाना प्रमुख है।

बारी बारी से सड़क पर उतरे


वहीं दिन में जहां बेरोजगारी की आग में झुलस रहे आरक्षण समर्थकों ने बालसन चौराहे पर शक्ति प्रदर्शन किया और गिरफ्तारियां दीं तो देर शाम उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के अगेंस्ट प्रतियोगियों ने डॉ। ताराचन्द हास्टल से कैंडिल मार्च निकाला। इससे डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन भी पूरे दिन परेशान रहा और भारी पुलिस बल की गारद सिचुएशन को हैंडिल करने में लगी रही। 30 जनवरी को सर सुन्दर लाल छात्रावास से कैंडिल मार्च निकाला जाएगा।

क्यों न आए ये नौबत?

ट्यूजडे को जो माहौल देखने को मिला। वह कोई पहली बार नहीं है। बल्कि बेरोजगारों की अकुलाहट का यह दौर लम्बे समय से चला आ रहा है। जिसके गवाह धरना प्रदर्शन, क्रमिक अनशन, आमरण अनशन और लाठीचार्ज जैसी चीजें बन रही हैं। इस दौरान कोई सर्वमान्य समाधान निकलने की बजाय दिन ब दिन लाखों छात्रों की छटपटाहट बढ़ती ही जा रही है।

इंतजार में हैं लोअर सबआर्डिनेट के अभ्यर्थी


बात उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन से शुरू करते हैं। यहां लोअर सबआर्डिनेट 2008 और 2013 की भर्तियां सुप्रीम कोर्ट में जाकर फंसी हुई हैं। इसमें पांच लाख के करीब अभ्यर्थी फंसे हुए हैं। जबकि इससे पहले कमीशन की नीतियों के चलते ही पीसीएस 2011 और पीसीएस जे 2013 की अनियमितता का मसला भी कोर्ट में जा चुका है। करेंट में कमीशन त्रिस्तरीय आरक्षण को लागू करने और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा हुआ है।

यहां भी हैं 75 हजार से ज्यादा आवेदक


स्टेट के अशासकीय डिग्री कालेजों में प्रिंसिपल एवं लेक्चरर की भर्ती का जिम्मा संभालने वाले हायर एजुकेशन सर्विस कमीशन का हाल तो यह है कि करेंट में यहां के अध्यक्ष और सदस्यों का कोरम ही नहीं पूरा है। लम्बे समय से इसके ठप पड़े रहने के कारण विज्ञापित की गई 1083 वैकेंसीज अभी भी फिलअप नहीं हो पाई हैं। जिनमें 75 हजार से ज्यादा आवेदक हैं। जबकि डिग्री कालेजेस में टीचर्स का भारी टोटा है और दो हजार से ज्यादा सीटें और खाली पड़ी हैं।

टीजीटी, पीजीटी के लाखों अभ्यर्थी भी इंतजार में


कमोवेश ऐसा ही हाल माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का भी है। जहां टीजीटी पीजीटी 2011 की तकरीबन पांच हजार सीटों के छह लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा होनी है। जिसे लेकर पिछले दिनों अभ्यर्थी चयन बोर्ड के आफिस पर पत्थरबाजी तक कर चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है।

TET का मसला भी फंसा हुआ है


प्राथमिक विद्यालयों में 72,825 टीईटी अभ्यर्थियों का मसला भी शैक्षिक मेरिट को लेकर फंसा हुआ है तो इसी के चलते उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित और विज्ञान वालों की 29 हजार एवं बीटीसी तथा विशिष्ट बीटीसी की 10हजार भर्तियां भी अधर में हैं.     

SSC से जुड़े प्रतियोगियों में भी आक्रोश


वहीं चयन के मामले में अव्वल रहने वाले स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की हालत भी पतली नजर आ रही है। यहां कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल, कैबिनेट सेक्रेटरी, सीपीओ एसआई, जूनियर इंजीनियर, एफसीआई असिस्टेंट ग्रेड, जीडी कान्सटेबल की भर्ती प्रक्रिया की रफ्तार भी काफी धीमे होने कारण लड़कों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। जिसे लेकर बीते आठ जनवरी को हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन किया था।  
 
ये भी हैं कतार में


यूपी पुलिस में सिपाही भर्ती परीक्षा के 20 लाख आवेदकों को भी रिजल्ट का इंतजार है। इसके बाद वे चाहेंगे कि बाद का प्रासेस भी जल्दी से निपटाकर भर्ती को पूरा किया जाए। इसकी परीक्षा बीते 15 दिसम्बर को हुई थी। जिसका रिजल्ट फरवरी में आना सम्भावित है। इसमें पदों की संख्या 41,610 है।