मुख्यमंत्री ने कहा, लोगों में जागरूकता के लिए सरकार चलाएगी अभियान, एनडीए में मतभेद नहीं

PATNA (11 June): राज्य में खैनी पर अचानक या रातोंरात प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। प्रतिबंध लगाने से पहले सरकार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करेगी फिर उस पर फैसला लेगी। सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित लोक संवाद कक्ष में आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभियान चलेगा कि लोग खैनी की खेती छोड़कर कोई और काम करें। खैनी की खेती कर रहे लोगों को पहले भी कहा गया था कि इसे छोड़कर कोई वैकल्पिक काम करें।

एनडीआर में मतभेद नहीं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यहां एनडीए में किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं है। प्रचार के लिए लोग कुछ-कुछ बोलते रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के वक्त बिहार में एनडीए की एकजुटता का पता चल जाएगा। दरार की बात में कोई दम नहीं।

नियम शिथिल पर सहायता नहीं

बाढ़ से हुए नुकसान मद में बिहार को राज्य सरकार के मेमोरेंडम के हिसाब से सहायता नहीं मिलने के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों के स्तर पर यह तय हुआ था कि नियमों को शिथिल कर सहायता मिलेगी पर ऐसा नहीं हुआ। इस बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली को पूरी बात बताई है।

आर्गेनिक खेती पर सब्सिडी

मुख्यमंत्री से किसानों के संकट के संबंध में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसानों को खेती करने के लिए इनपुट सब्सिडी देंगे तो उसका सबसे अधिक फायदा होगा। इनपुट सब्सिडी का प्रयोग बिहार ने आरंभ किया है। सब्जी की आर्गेनिक खेती के लिए चार जिले में यह सब्सिडी दी गई है। अगले वर्ष पूरे राज्य में देंगे।

शराबबंदी कानून होंगे संशोधन

मुख्यमंत्री ने सोमवार को पुन: कहा कि शराबबंदी के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया जाएगा। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि उन्होंने शराबबंदी कानून के प्रावधानों पर निरंतर अध्ययन कराया है। यह जांच की गई है कि कहीं इस कानून का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा। मुख्य सचिव ने इसके अध्ययन के लिए आला अधिकारियों की एक कमेटी बनाकर उनसे रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से शराबबंदी मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता से कानूनी सलाह ली जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को शराबबंदी कानून में संशोधन की अनुमति दे दी है। शीघ्र ही एडवोकेट जनरल के स्तर पर यह मामला आएगा। उपयुक्त समय पर विभिन्न प्रावधानों में संशोधन किया जाएगा। कानून ऐसा होना चाहिए जिसका अनुपालन प्रभावकारी ढंग से हो। कोई भी ऐसा अंश नहीं हो जिसका दुरुपयोग किया जाए।